ग्वालियर। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश में पिछले वर्ग की जमकर उपेक्षा की और पहले की भाजपा सरकार की कई योजनाओं को बंद कर दिया। वही श्री शिवराज सिंह चैहान जी ने मुख्यमंत्री बनते ही राज्य पिछड़े वर्ग आयोग का पुर्नगठन किया।इससे प्रदेश की पिछड़े वर्ग को नयी ताकत मिलेगी और समाज के वे लोग आगे बढ़ सकेंगे, जो तरक्की में पीछे छूट गए हैं।
यह बात गुरुवार को प्रदेश के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण व पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार ) श्री रामखेलावन पटेल ने मीडिया से कही। उनके साथ रीवा मउगंज के विधायक श्री प्रदीप पटेल और बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री महेन्द्र सिंह यादव और संभागीय मीडिया प्रभारी श्री पवन सेन भी उपस्थित थे।
श्री पटेल ने बताया कि कांग्रेस ने पिछले 50 वर्षों के राज्य में प्रदेश के पिछड़े वर्ग की चिंता नहीं की, बल्कि श्री कमलनाथ जी मुख्यमंत्री बनते ही श्री शिवराज सिंह चैहान की कई कल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया। 2003 में मप्र में भाजपा सरकार बनने के बाद पिछड़ा वर्ग स्वरोजगार योजना, छात्र योजना सभी बंद कर दी गई।
उन्होंने कहा कि श्री कमलनाथ जी कांग्रेस सरकार ने पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत आरक्षण के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पास किया और भाजपा ने उसका समर्थन भी किया, लेकिन उच्च न्यायालय में कांग्रेस सरकार ने अच्छे से इसका पक्ष नहीं रखा।
रीवा मउगंज के विधायक श्री प्रदीप पटेल ने बताया कि केन्द्र में श्री नरेन्द्र मोदी जी प्रधानमंत्री बनते ही पिछड़ा वर्ग आयोग बनाकर संवैधानिक दर्जा दिया और मप्र में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चैहान ने यह काम किया। 2018 के विधानसभा चैहान के दौरान प्रदेश में भाजपा ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की बात कही थी और जैसे ही सरकार बनी, तो यह काम किया गया। कांग्रेस ने इस पिछड़ा वर्ग के लोगों की हमेशा से अनदेखी की है।