भोपाल। आगामी उपचुनाव को देखते हुए भाजपा अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई है. इसी के तहत पार्टी ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए कुछ अहम कदम उठाने का फैसला किया है. इनके तहत जिन मंत्रियों के पास जिलों का प्रभार है, उन्हें सत्ता और संगठन दोनों के लिए काम करना होगा.
मंत्रियों का किया जाएगा मूल्यांकन
बताया जा रहा है कि भाजपा ने आगामी उपचुनाव के मद्देनजर मंत्रियों के कामकाज पर नजरें टिका दी हैं. पार्टी द्वारा मंत्रियों के कामकाज का मूल्यांकन किया जाएगा. वहीं संगठन भी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेगा. मंत्रियों को अब प्रभार वाले जिलों के दौरे पर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करना अनिवार्य कर दिया गया है.
दरअसल पार्टी को कार्यकर्ताओं की तरफ से शिकायतें मिल रहीं थी, कि उनकी बात नहीं सुनी जाती. कई बैठकों में कार्यकर्ताओं ने यह शिकायत की थी. भाजपा के संगठन महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने बताया कि पार्टी ने तय किया है कि मंत्रियों के जिलों के दौरे की गतिविधियों के आधार पर ही मंत्रिमंडल में उनकी भूमिका का निर्धारण किया जाएगा. बीते दिनों ही विभिन्न जिलों के प्रभार वाले मंत्रियों को हफ्ते में दो दिन अपने-अपने जिले में जाने का निर्देश दिया गया था.
कांग्रेस करेगी बाल कांग्रेस का गठन
भाजपा के साथ ही कांग्रेस भी अपने संगठन को धार देने में जुटी है. पार्टी ने बीते दिनों बाल कांग्रेस के गठन का ऐलान किया था. अब इस बाल कांग्रेस की जिम्मेदारी पार्टी ने विधायक बाला बच्चन को सौंपी है. बाल कांग्रेस में पार्टी 16-20 साल के युवाओं को पार्टी के साथ जोड़ेगी ताकि भविष्य में पार्टी की एनएसयूआई, युवा कांग्रेस के साथ ही कांग्रेस पार्टी के लिए अच्छे कार्यकर्ता और नेता मिल सकें. ये आइडिया पूर्व सीएम कमलनाथ का है.