भोपाल। मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में भाजपा ने नगर अध्यक्षों की घोषणा कर दी है, लेकिन इंदौर में नगर अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के नामों को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। नगर अध्यक्ष पद के लिए दीपक जैन टीनू, सुमित मिश्रा और मुकेश राजावत के नाम चर्चा में हैं।
किसके नाम पर बनेगी सहमति
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय नगर अध्यक्ष के लिए दीपक जैन और जिलाध्यक्ष के लिए चिंटू वर्मा के नाम का समर्थन कर रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संघ की प्राथमिकता मुकेश राजावत हैं। यदि इंदौर के मामले में सहमति नहीं बन पाती है, तो रणदिवे और चिंटू वर्मा को दोबारा जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जैसा कि 11 जिलों में हुआ है।
जातिगत समीकरण और संगठन की रणनीति
भाजपा संगठन इंदौर में जातिगत समीकरणों पर भी ध्यान दे रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान जैन समाज की नाराजगी सामने आई थी, क्योंकि 9 विधानसभा क्षेत्रों में समाज से किसी को टिकट नहीं दिया गया था। इस नाराजगी को दूर करने के लिए दीपक जैन का नाम प्राथमिकता में है। इस पर कैलाश विजयवर्गीय भी सहमत हैं, जबकि मुख्यमंत्री मुकेश राजावत के पक्ष में हैं।
इंदौर का राजनीतिक महत्व
विधानसभा चुनाव में इंदौर की सभी नौ सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव में भी इंदौर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा को देशभर में सबसे ज्यादा वोट मिले। संगठन इस प्रदर्शन के आधार पर गौरव को दोबारा मौका देने पर विचार कर सकता है।
अब तक का घटनाक्रम
भाजपा नगर अध्यक्षों की तीसरी सूची में भी इंदौर का नाम नहीं आया है। भोपाल, उज्जैन और ग्वालियर जैसे शहरों में नगर अध्यक्ष घोषित हो चुके हैं, लेकिन इंदौर की कुर्सी को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक जोड़-तोड़ जारी है। संगठन का मानना है कि इंदौर के लिए फैसला लेते समय सभी समीकरणों को ध्यान में रखना जरूरी है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इंदौर के नगर अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष पद के लिए किसका नाम फाइनल होता है।