ग्वालियर में लंबे अर्से बाद होने जा रहे भारत-बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट मैच के टिकटों की कालाबाजारी का बड़ा खुलासा हुआ है। पीपुल्स समाचार की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को टिकटों की कालाबाजारी का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें टिकट कई गुना ज्यादा दामों पर बेचे जा रहे थे। एक रिपोर्टर द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में यह बात सामने आई कि कालाबाजारी करने वाले टिकटों के दाम दोगुने से भी अधिक वसूल रहे हैं।
कालाबाजारी की खुली पोल
इस स्टिंग ऑपरेशन के दौरान एक युवक ने 1859 रुपये के टिकट को 4500 रुपये में बेचने की बात मानी। यहां तक कि उसने वीआईपी पास भी 15,000 रुपये में बेचने का प्रस्ताव रखा। रिपोर्टर द्वारा युवक से टिकट खरीदने की बात की गई, जिसमें उसने खुलकर बताया कि वीवीआईपी एक्सेस वाला टिकट 15,000 रुपये में और कम से कम टिकट 4000 रुपये में उपलब्ध है।
इस बातचीत के दौरान युवक ने अपनी शॉप का पता भेजने और टिकट के फोटो भी भेजने का वादा किया। इतना ही नहीं, युवक ने अन्य टिकटों के दाम भी बताए, जैसे 3098 रुपये का टिकट 5500 रुपये में और 1550 रुपये का टिकट 4000 रुपये में बेचा जा रहा था।
सोशल मीडिया का सहारा
टिकटों की कालाबाजारी करने वाले सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। वे स्टोरी या पोस्ट के माध्यम से टिकट न देखने की मजबूरी बताकर ग्राहकों को ढूंढते हैं। जैसे ही कोई क्रिकेट प्रेमी उनसे संपर्क करता है, वे टिकट के दाम बताना शुरू कर देते हैं।
इंदौर से सीख नहीं ली गई
इंदौर में कुछ समय पहले भी इंटरनेशनल क्रिकेट मैच के दौरान इसी तरह की टिकट कालाबाजारी हुई थी। न केवल असली, बल्कि नकली टिकट भी बाजार में आ गए थे, जिसके चलते मैच के दिन स्टेडियम के बाहर हंगामा हुआ था।
पुलिस का सख्त रुख
ग्वालियर जोन के एडीजी अरविंद सक्सेना ने कहा कि किसी भी तरह की कालाबाजारी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई ऐसा कर रहा है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि टिकट की कालाबाजारी एक गंभीर समस्या है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।