विदिशा। जिले में सोमवार रात को वर्षा थमने के बावजूद बेतवा का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण बेतवा किनारे बसी बस्तियों और गांवों में पानी घुस गया है। शहर के एक दर्जन से अधिक इलाकों में तीन से चार फिट पानी होने के कारण नाव से लोगों को निकालना पड़ रहा है। शहर को जल प्रदाय करने वाला जल संयंत्र पानी में डूब गया है, जिसके कारण शहर में नलों से जल प्रदाय की व्यवस्था ठप्प हो गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दोपहर करीब 12 बजे यहां पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वे किया। इसके बाद मुख्यमंत्री गंजबासौदा पहुंचे। यहां उन्होंने राहत शिविर में पहुंचकर बाढ़ प्रभावितों से चर्चा की। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि वायुसेना का एक हेलीकाप्टर गंजबासौदा पहुंच गया है। कुछ देर बाद सेना का दल बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए रवाना होगा।
अधिकारियों के मुताबिक भोपाल और रायसेन में तेज वर्षा तथा कलियासोत डैम के गेट खुलने से बेतवा का जल स्तर खतरे के निशान से तीन फीट अधिक हो गया है। इस वजह से बेतवा किनारे के 33 गांवों और शहरी क्षेत्रों के 12 गांवों में जल भराव की स्थिति बनी है। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि बेतवा किनारे के 15 से अधिक गांवों को खाली कराकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। रात के समय भी बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया है। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 190 लोगों को रेस्क्यू कर निकाला हैं। उन्होंने कहा कि लगातार वर्षा से जिले के 53 गांव टापू बन गए थे। अब छोटी नदियों का जल स्तर कम होने से गांवों के रास्ते खुल गए है।
बेतवा उत्थान समिति के सचिव हितेंद्र रघुवंशी ने बताया कि बेतवा के चरणतीर्थ पुल से आधा किमी देर रामलीला चौराहे के समीप तक बेतवा का पानी आ गया है। रामलीला के पहले गेट के समीप करीब 4 फिट पानी है।मुक्तिधाम रोड पर स्थित दुकानें पानी में डूब चुकी है। उनके मुताबिक 1985 के बाद ऐसे हालात बने है।बाढ़ के कारण मुखर्जी नगर, रायपुरा बस्ती, जटरापुरा, डंडापुरा आदि इलाकों में पानी भरा हुआ है। भोपाल रोड पर भी विवेकानंद चौराहे की ओर पानी तेजी से फैल रहा है।