आलीराजपुर। बेहद प्राचीन संस्कृति को अपने में समेटे आदिवासी समाज की कई परंपराएं अनूठी हैं। यहां एक ऐसा विवाह सामने आया है, जिसमें शख्स 15 साल तक तीन प्रेमिकाओं के साथ लिव इन में रहा। इस दौरान छह बच्चे भी हुए। अब एक ही मंडप में तीनों संग आदिवासी रीति-रिवाज के अनुसार ब्याह रचाया है। खास बात यह कि अपने माता-पिता की शादी में बच्चे भी जमकर नाचे। इस विवाह की क्षेत्र में चर्चा है।
आदिवासी समाज में युवक-युवती अगर एक-दूसरे को पसंद करते हैं तो पूरी आजादी से साथ रह सकते हैं। इसके लिए तात्कालिक तौर पर विवाह का कोई बंधन नहीं है। साथ ही पसंद मिलने पर एक से अधिक पत्नियों संग भी रह सकते हैं। ऐसा ही मामला नानपृर में सामने आया है। गांव के पूर्व सरपंच मोरी फलिया निवासी समरथ मौर्य करीब 15 साल पहले प्रेम प्रसंग के चलते एक युवती के साथ घर बसाकर रहने लगे। इसके बाद दो अन्य युवतियों को भी पसंद मिलने पर अपनाया। तीनों प्रेमिकाएं एक ही छत के नीचे अपने पति संग तब से रह रही थीं।
आदिवासी समाज की परंपर अनुसार कोई भी मांगलिक कार्य करने के लिए पति-पत्नी का रीति-रिवाज के अनुसार विवाह करना जरूरी है। इसलिए अब मौर्य ने तीनों महिलाओं के साथ रीति-रिवाज से ब्याह रचाया है। शादी समारोहपूर्वक हुई और इसके आमंत्रण पत्र भी बांटे गए। कार्ड में तीनों पत्नियों के नाम भी लिखे गए। शादी में आए लोगों के साथ मौर्य के छह बच्चों ने भी जमकर डांस किया। उनकी तीन पत्नियों से तीन पुत्री व तीन पुत्र हैं। बता दें कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 342 आदिवासी समाज की प्राचीन संस्कृति व रीति-रिवाज को संरक्षण प्रदान करता है।