आईटीओ क्षेत्र में भी हल्की धुंध देखी गई, जिससे वहां का एक्यूआई 226 हो गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है। वहीं, इंडिया गेट पर एक्यूआई 251 और भीकाजी कामा प्लेस में 273 दर्ज किया गया। एम्स के पास भी धुंध की परत के कारण एक्यूआई 253 तक पहुंच गया है।
दिल्ली के निवासी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण बढ़ने से काफी परेशानी हो रही है और सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से प्रदूषण पर रोकथाम की कोशिश
दिल्ली के 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर नियंत्रण के लिए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समन्वय समितियां गठित की हैं। शुक्रवार को उन्होंने संबंधित विभागों के साथ बैठक की। राय ने बताया कि धूल प्रदूषण रोकने के लिए 80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन तैनात की गई हैं और एमसीडी अधिकारियों को लगातार हॉटस्पॉट का दौरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स और उनके स्रोत:
– आनंद विहार: क्षतिग्रस्त सड़कों, जाम और निर्माण कार्य से धूल की समस्या।
– अशोक विहार: सड़क की धूल और मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण प्रदूषण।
– द्वारका: सड़कों पर धूल और अवैध कचरा डंपिंग प्रदूषण का मुख्य कारण।
– मुंडका: निर्माण कार्य और यातायात के कारण भारी धूल।
– जहांगीरपुरी: बायोमास जलाने और निर्माण स्थलों से प्रदूषण।
– रोहिणी: अस्पताल निर्माण स्थल और कचरा जलाने से वायु प्रदूषण।
– नरेला: निर्माण कार्य और ट्रक यातायात के कारण प्रदूषण।
– ओखला: क्षतिग्रस्त सड़कों और ट्रैफिक जाम से धूल का उत्सर्जन।
– पंजाबी बाग: निर्माण कार्य और जाम से प्रदूषण।
– आरके पुरम: निर्माण कार्य और टूटी सड़कों से धूल प्रदूषण।
– विवेक विहार: निर्माण गतिविधियों और जाम की समस्या।
– वजीरपुर: सड़कों की खराब हालत और अतिक्रमण प्रदूषण का कारण।
– बवाना: अवैध कचरा डंपिंग और यातायात से उत्पन्न धूल।