सीधी। सीधी जिले के मसुरिहा गांव में एक दूल्हा शादी से पहले ही भाग गया। द्वारपूजा के बाद दुल्हन जयमाल लेकर दूल्हे के गले में डालने के लिए दूल्हे की राह तकती रही, लेकिन उससे पहले दूल्हा बाइक से रफू-चक्कर हो गया। बहुत देर के इंतजार के बाद जब दूल्हा नहीं पहुंचा, तो दुल्हन को जयमाल रखकर निराश होकर मंडप से नीचे उतरना पड़ा। इसके बाद विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। समझौता हुआ कि जितना खर्च हुआ है, उसका भुगतान दूल्हे पक्ष की ओर से किया जाए, तब जाकर मामला शांत हो पाया।
बताया गया कि मसुरिहा गांव निवासी रावेंद्र पिता रामसिया गुप्ता की शादी डोल कोठार की रहने वाली ज्योति पिता गणेश गुप्ता के साथ तय हुई। तिलकोत्सव से लेकर सभी कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। गुरुवार को बरात सीधी शहर के चकदही रोड़ शक्ति पैलेस पहुंच गई। बरातियों के स्वागत के बाद द्वार पूजा भी ठीकठाक ढंग से संपन्न हुआ, इसके बाद नौटंकी का क्रम शुरू होता है। दुल्हन के परिजनों का आरोप है कि दूल्हा पहले ही एक युवती से कोर्ट मैरिज कर चुका था, जिसको बिना जानकारी दिए दूसरी शादी रचाने पहुंचा था, पहली शादी की जानकारी दूल्हे के पिता को भी थी, किंतु छिपाया गया। द्वार पूजा के बाद जब जयमाल की तैयारी शुरू हुई इसी बीच वाद-विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद दूल्हा चोरी छिपे बाइक से रफूचक्कर हो गया।
जब इस पूरी घटना की जानकारी दुल्हन पक्ष को हुई तो मारपीट शुरू हो गई। किसी तरह मान मनोव्वल के बाद विवाद शांत हुआ। लड़की के पिता ने बताया कि तिलक से लेकर अभी तक पूरा खर्च मेरा हुआ है। तिलक में भी मेरे द्वारा होटल बुक किया गया था। अंत में समझौता हुआ कि पुलिस के पास यह मामला न जाने दिया जाए, दुल्हन पक्ष का जितना खर्च हुआ है, वह पूरी राशि दूल्हे के पिता द्वारा अदा कर दिया जाए, दूल्हे के पिता इस समझौते पर राजी हो गया। तब जाकर मामला रफा-दफा हो पाया।
शहर में संचालित शक्ति पैलेस में डोल निवासी ज्योति गुप्ता की शादी पड़रा निवासी रावेंद्र गुप्ता के साथ हो रही थी, द्वारचार के बाद वरमाला की तैयारी हो चुकी थी, कि अचानक दोनों पक्षों में विवाद होने लगा। विवाद इस कदर चला कि मारपीट व कुर्सी बरसने लगीं इस पूरी घटना की वारदात पैलेस में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। स्थानीय लोगों की सूचना पर कोतवाली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर समझाइश देने का प्रयास किया, किंतु विवाद की स्थिति शांत होने का नाम नहीं ले रही थी, पुलिस द्वारा वर-वधु के पिता को बुलाकर आपस में बैठाकर समझाया, तब जाकर विवाद समाप्त हुआ।