बेसहारा बेटी के लिए किन्नर बने भाई, पहले शादी कराई, बच्चे के जन्म पर मामा का फर्ज निभाया

मुरैना। लोगों के घरों में जाकर बच्चों की सलामती की दुआ और खुशियों में बधाई मांगने वाले किन्नर मददगार भी होते है। मुरैना जिले के अंबाह में किन्नरों ने मानवता की मिसाल पेश की है। किन्नरों ने एक बेसहारा बेटी की शादी में पहले भात दिया तो वहीं अब बच्चा होने पर किन्नरों मामा का फर्ज अदा किया और मां-बेटे को हज़ारों रुपए के कीमती उपहार दिए।

 

बेसहारा बेटी के लिए किन्नर बने भाई

 

मुरैना जिले के अंबाह की प्रताप कॉलोनी में रहने वाले डोंगर सिंह जाटव की दो साल पहले मौत हो गई थी, उनकी 60 साल की पत्नी चरणदेवी, बेटी पूनम और दिव्यांग बेटे पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। चरण देवी ने किसी तरह अपनी बेटी पूनम की शादी बीते 14 मार्च 2021 को तय कर दी थी। बेटा दिव्यांग होने से चरण देवी के सामने बेटी की शादी में भात की रस्म अदायगी की चिंता खड़ी हो गई थी। उस दौरान इलाके में रहने वाली राबिया किन्नर अपनी टीम के साथ चरणदेवी के घर बधाई मांगने पहुंची। राबिया को चरण देवी ने अपनी खस्ताहालत के बारे में बताया तो राबिया ने भाई बनकर फर्ज निभाया। रबिया ने भात की रस्म के लिए हजारों रूपए समान भिंड में चरणदेवी की बेटी पूनम की ससुराल भेजी थी।

 

बच्चे के जन्म पर मामा का फर्ज निभाया

 

शादी के बाद पूनम ने अब बेटे को जन्म दिया, जब राबिया किन्नर को पता चला कि पूनम को बच्चा हुआ है, उसने मामा का फर्ज निभाया और भांजे के लिए सामाजिक रस्म पूरी की। राबिया ने पछ (बच्चा पैदा होने पर मायके की तरफ से दिया जाने वाला सामान) की रस्म अदायगी भी की। राबिया किन्नर ने अपने साथियों के सहयोग से 60-70 हजार के पछ का सामान चरणदेवी को दे दिया है, जिससे चरण देवी अपनी बेटी पूनम की ससुराल जाकर बेटी को दे पाए। किन्नरों की इस मदद की सभी लोग तरीफ करते हुए इसे मानवता की मिसाल बता रहे हैं

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