उज्जैन। जिले में महाकालेश्वर मंदिर कॉरिडोर ‘महाकाल लोक’ के विस्तार के तहत जिला प्रशासन ने शनिवार को कॉरिडोर के पास बुलडोजर और जेसीबी मशीनों की मदद से 257 चिह्नित संरचनाओं को हटाने का काम शुरू किया। प्रशासन ने कई संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया। इनमें कई मकान भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इस दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात रही।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नितेश भार्गव ने बताया कि स्थानीय लोगों की सहमति से निर्माणों को गिराए जाने की कार्रवाई की गई। उज्जैन नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई में धार्मिक और आवासीय स्थलों समेत चिन्हित निर्माणों को स्थानीय लोगों की सहमति से खाली कराया गया। इसके बाद संरचनाओं को ध्वस्त किया गया।
पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम ने संयुक्त रूप से लोगों से बात की। इसके बाद लोग निर्माण स्थलों को गिराने पर सहमत हुए। प्रशासन की ओर से चलाए गए अभियान में एक धार्मिक स्थल को भी हटा दिया गया। पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार को ही क्षेत्र में संरचनाओं को गिराए जाने के बारे में घोषणा की थी।
जिला प्रशासन ने हटाने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले संरचनाओं को उचित तरीके से अधिग्रहित कर लिया था। कार्रवाई शुरू करने से पहले सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भार्गव और एसडीएम लक्ष्मी नारायण गर्ग ने लोगों से घर खाली करने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील की।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अनुकूल जैन ने बताया कि महाकाल लोक के शक्ति पथ के पास करीब 257 संरचनाओं का उचित अधिग्रहण किया गया। महाकाल कॉरिडोर के विस्तार को देखते हुए अब इन संरचनाओं को हटाया जा रहा है। एएसपी नितेश भार्गव ने कहा कि कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था।
एएसपी भार्गव ने बताया कि महाकाल कॉरिडोर के शक्ति पथ के पास एक क्षेत्र को चिन्हित किया गया था। इस क्षेत्र में 250 से अधिक मकान पड़ रहे हैं। प्रशासन ने इस क्षेत्र को अधिग्रहित कर लिया। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से निर्माणों को हटाया जा रहा है। कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में शांति भंग ना हो इसके लिए हम तैनात हैं।