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एमपी में बंगला पॉलिटिक्स शुरू: माननीयो की कुर्सी जाने के बाद नहीं छूट रहा बंगले से मोह

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में एक बार फिर बंगला पॉलिटिक्स शुरु हो गई है। बीजेपी के कई नेताओं की कुर्सी चली जाने के बाद भी बंगले से मोह नहीं छूट पा रहा है। जिसका ताजा उदाहरण इमरती देवी के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद प्रभात झा का देखा जा सकता है। प्रभात झा के बंगला न खाली किए जाने के बाद एक बार फिर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है।

कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है, कि बीजेपी में बंगलों को लेकर हमेशा दोहरी नीति अपनाई जाती है। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, कि बीजेपी अपने नेताओं को पद जाने के कई सालों तक बंगले खाली नहीं कराते हैं और कांग्रेस के लोगों का सामान तक बाहर फेंकवा दिए जाते हैं। इमरती देवी और प्रभात झा अपना बंगला खाली नहीं कर रहे हैं और कोई अधिकारी उनके बंगले खाली कराने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहा है। जबकि ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को अभी तक बंगला आवंटित नहीं हो पाया है।

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने भी पटलवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता राजेश सोलंकी ने सफाई देते हुए कहा है, कि इमरती देवी का नया घर डबरा में बन रहा है। जल्द ही वह बंगला खाली कर देगी। वहीं प्रभात झा एक अधिमान्य पत्रकार भी हैं। ऐसे में वह अधिमान्य पत्रकार के आधार पर विभागीय अनुमति से बंगला लिए हुए है। हालांकि बंगला खाली करने को लेकर उन्होंने पत्र प्रशासन को सौंप दिया है।

गौरतलब है, कि उपचुनाव हारने के बाद इमरती देवी अब ना विधायक हैं और ना ही उनके पास मंत्री पद बचा है। वहीं पिछले साल हुए राज्यसभा चुनाव में प्रभात झा को भी पार्टी ने राज्यसभा नहीं भेजा है। ऐसे में वैधानिक रूप से उन्हें बंगले में रहने का अधिकार नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी वे लगातार बंगलों में रह रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रभात झा न केवल ग्वालियर बल्कि भोपाल और दिल्ली में भी सरकारी बंगले का उपयोग कर रहे हैं।

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