मध्यप्रदेश के बस यात्रियों को झटका लगने वाला है। गुरुवार को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने 1 मार्च से बसों के किराए में बढ़ोतरी की घोषणा की। राजपूत ने कहा कि बस ऑपरेटर लंबे समय से किराया बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ बैठक में चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है। किराया कितना बढ़ेगा, अभी यह तय नहीं है।
राजपूत ने कहा कि बस संचालक और यात्रियों की सहमति से किराया बढ़ाना तय किया जाएगा। वहीं, दूसरी तरफ बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने सरकार के ऐलान को हड़ताल को वापस लेने का साजिश बताया। मध्यप्रदेश बस ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि सरकार ने एसोसिएशन में से किसी को नहीं बुलाया। ना ही हमें कोई जानकारी दी है। 26 फरवरी को एक दिन की हड़ताल होगी। हमने दो दिन की हड़ताल को एक दिन कर दिया है।
6 महीने बाद मंत्री कह रहे किराएं बढ़ाएंगे
गोंविद शर्मा ने कहा कि 18 सितंबर को किराया बोर्ड की बैठक हो चुकी है। इसमें हमारे दो प्रतिनिधि और सरकार के अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में तय हुआ था कि 50 प्रतिशत किराया बढ़ेगा। इस निर्णय की फाइल को सरकार 6 महीने से दबाए बैठी है। अब बोल रहे है कि हम किराया बढ़ाएंगे। शर्मा ने कहा कि सरकार पोर्टल पर लिखकर साफ करें कि कितना किराया बढ़ाएंगे। हम हड़ताल वापस ले लेंगे।
स्वैच्छिक है बसों की हड़ताल
मध्यप्रदेश बस ऑपरेटर एसोसिएशन का कहना है कि हड़ताल स्वैच्छिक है। इस संबंध में दो दिन पहले बस ऑपरेटर संचालकों ने भोपाल में बैठक कर निर्णय लिया था। इसमें प्रमुख मांग किराया वृद्धि को लेकर है। मध्यप्रदेश बस ऑपरेटर एसोसिएशन के सदस्य दीपेश विजयवर्गीय ने बताया, हड़ताल स्वैच्छिक है।
इस दौरान यदि कोई बस ऑपरेटर बस चलाता है, तो उसे रोका नहीं जाएगा। विजयवर्गीय ने बताया कि मध्यप्रदेश में 36 हजार बसें हैं। हमारा उद्देश्य आम जनता की परेशान करना नहीं है। उन्हाेंने बताया कि डीजल के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। डीजल 60 रुपए से 90 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है, लेकिन किराए में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
बस ऑपरेटराें का आरोप- किया जा रहा परेशान
बस ऑपरेटर एसोसिएशन का कहना है कि सीधी बस हादसे में प्रशासन की गलती को दबाने के लिए बस संचालकों को निशाना बनाया जा रहा है। ना तो ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए सड़क पर पुलिस तैनात थी। वहीं, सतना में परीक्षा सेंटर होने के बावजूद बसों की संख्या बढ़ाने को लेकर अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। एसोसिएशन के सदस्य धर्मेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि हम नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन पूरे कागज होने के बावजूद बसों के चालान काटे जा रहे है।
भोपाल से 3 हजार बसों का होता है संचालन
राजधानी भोपाल से प्रदेश के सभी क्षेत्रो के अलावा अंतरराज्यीय बसों का संचालन होता है। यहां से आईएसबीटी, पुतली घर, हलालपुर, नादरा बस स्टैंड से करीब 3 हजार बसें चलती है।