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Monday, December 9, 2024

मथुरा जा रही बस दमोह में पलटी, 9 घायल 2 गंभीर हालत में जबलपुर रेफर

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दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के नोहटा थाना अंतर्गत सोन नदी के पुल के पास सोमवार अलसुबह बस पलट गई। हादसे में उसमें सवार 17 यात्रियों में से 9 लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए दमोह के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से दो की हालत गंभीर होने पर जबलपुर रेफर किया गया है।

घटना के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने बताया कि सिवनी जिले के लखनादौन से तीर्थ यात्रा पर मिनी ट्रैवल्स बस से मथुरा जा रहे यात्रियों की गाड़ी की गाड़ी पलट गई। नोहटा थाना अंतर्गत पुल के समीप सोमवार की सुबह करीब 4 बजे ये हादसा हुआ।

इससे उसमें सवार 17 यात्रियों में से 9 यात्री घायल हो गए। इन घायलों में दो की हालत गंभीर होने पर इलाज हेतु जबलपुर रेफर किया गया है। शेष यात्रियों को मामूली चोट होने के कारण उनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

सड़क हादसों में 11 माह के अंदर जिले में 266 लोगों ने गवाईं अपनी जान
दमोह जिले में सड़क हादसे लोगों की चिंता बढ़ने वाले है इस वर्ष 2024 में इन 11 माह के बीच 266 से अधिक मौतें हो चुकी है हर माह 24 से अधिक मौतें सड़क हादसों में होना सामने आ रही है। पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़े भयभीत करने वाले है और इन आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से नवंबर माह के इन 11 माह में जिले में करीब 914 सड़क हादसे हुए है।

इन हादसों में 1012 से अधिक लोग घायल भी हुए है। हालांकि पुलिस सड़क दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए और उनके द्वारा इन घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक उपाय अपनाए जा रहे है।

गंभीरता से ध्यान नहीं दिया
उल्लेखनीय है कि सड़क हादसों की रोकथाम के लिए पूर्व में यातायात सुरक्षा सप्ताह पखवाड़ा आदि मनाया जाता रहा, कई बार सड़क सुरक्षा समितियो की बैठक भी होती रही। पर इस बैठक में लिए गए निर्णय पर अमल करने की दिशा में गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया।

इसी वजह से हादसों पर नियंत्रण नहीं हो पाया है और हर एक-दो दिन में विभिन्न मार्गों पर लापरवाही से वाहन चलाने के कारण वाहन आपस में टकराते रहे और लोग लहु लुहान होते रहे और इनमें कई गंभीर घायलों का जीवन बचाना मुश्किल हुआ तो कई घायलों को सड़क पर ही अपना दम तोड़ना पड़ गया है।

वर्तमान में इन सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात पुलिस एवं पुलिस द्वारा अपनाये जा रहे प्रयासों के चलते अब उनके नियंत्रण की उम्मीद बढ़ गई है।

सर्वाधिक दुर्घटनाएं मार्च और नवंबर में दर्ज
इस वर्ष के इन 11 माह में सर्वाधिक दुर्घटनाएं नवंबर एवं मार्च माह में होना सामने आई है। नवंबर माह में 107 सड़क दुर्घटना हुई जिनमें करीब 30 लोगों की मौत होना सामने आया है।

इसी तरह मार्च माह में 101 सड़क हादसे हुए और इन सड़क हादसों में 39 लोगों की जान गई है। शेष अन्य माह भी सड़क हादसों से भरे पड़े है जिले के विभिन्न थाना अंतर्गत हादसे होते आए और लोगों की जान बचाना मुश्किल साबित हुआ।

जनवरी में जहां 71 दुर्घटनाएं हुई तो वहीं फरवरी में 79 सड़क हादसे हुए। इसी तरह मार्च में 101, अप्रैल में 74, मई में 100, जून में 98, जुलाई में 50, अगस्त में 72, सितंबर में 83, अक्टूबर में 79 एवं नवंबर में 107 सड़क दुर्घटनाएं जिले के विभिन्न स्थानों पर होना सामने आया है।

सड़क हादसों के लिए यह माने जाते मुख्य कारण
जानकारी के मुताबिक सड़क सुरक्षा समिति की बैठकों में होने वाले निर्णय का शीघ्रता से पालन न होना, सड़क के किनारे भारी वाहनों व लोडिंग वाहनों का लापरवाही तरीके से खड़े होना, तेज रफ्तार में वाहन चलाना, नशे में वाहन चलाना, अंधे मोड़ पर वाहन चलाने में लापरवाही बरतना, वहीं सड़कों पर संकेतको का ना होना, सड़कों की खराब हालत भी कई बार हादसों का कारण बनती है।

पुलिस के सेवानिवृत अधिकारियों की माने तो सड़क हादसों के लिए यातायात नियमों का पालन न करना तो जिम्मेदार है ही वही तिराहों, चौराहा की तकनीकी खामियां, सड़कों पर मवेशियों की बढ़ती संख्या आदि भी सड़क हादसों के कारण बनते है।

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