भोपाल मध्यप्रदेश | अब तक मध्य प्रदेश में 31 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो चुके हैं। कोरोना संकट से निपटने के बाद एक बार फिर उपचुनाव का बिगुल बजेगा। इस बार खंडवा लोकसभा क्षेत्र के साथ जोबट और पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव होंगे। इसमें कांग्रेेस और भाजपा की चुनावी परीक्षा होगी। 15वीं विधानसभा का रिकॉर्ड देखें तो भाजपा का पलड़ा भारी रहा है। उपचुनाव में बीस सीटें भाजपा ने और 11 कांग्रेस ने जीती हैं।
मध्य प्रदेश में पंद्रहवीं विधानसभा के गठन के बाद से उपचुनाव होने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वो अभी भी जारी है। पिछले दिनों दमोह विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव का परिणाम घोषित हुआ, जो कांग्रेस के पक्ष में रहा। यह सीट कांग्रेस के विधायक राहुल सिंह के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की वजह से रिक्त हुई थी। प्रदेश में कुल 31 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव हो चुके हैं।
इनमें 28 सीटें विधायकों के इस्तीफा देने की वजह से खाली हुई थी। वहीं, तीन सीटें जौरा, आगर और ब्यावरा विधायकों का निधन होने से रिक्त हुई थीं। अब दो सीटें जोबट और पृथ्वीपुर सीट भी विधायकों के निधन की वजह से खाली हो गई हैं। उधर, खंडवा लोकसभा सीट भी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन की वजह से रिक्त हो गई है। यहां भी उपचुनाव कराए जाएंगे।
विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि कलेक्टर की रिपोर्ट आने पर सीट रिक्त होने की सूचना मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को भेजी जाएगी। इसके आधार पर निर्वाचन कार्यालय चुनाव आयोग को सूचना भेजेगा। बताया जा रहा है कि अब कोरोना संकट से निपटने के बाद यहां उपचुनाव कराए जाएंगे। बारिश के बाद तीनों उपचुनाव एक साथ होंगे। इसके साथ ही एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के नेता चुनावी मैदानी में आमने-सामने होंगे।
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