ग्वालियर। ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पदस्थ एक नर्स ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर अपनी बेटी के साथ इच्छा मृत्यु के लिए अनुमति दिए जाने की मांग की है। नर्स का आरोप है कि गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन और जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक की प्रताड़ना से तंग आकर उसने यह कदम उठाया है। पीड़ित नर्स ने मुख्यमंत्री से 15 दिन के अंदर इच्छा मृत्यु की अनुमति देने या उक्त अधिकारियों को हटाने की मांग की है।
बता दें कि मूल रूप से इंदौर की रहने वाली पूनम सरनकर वर्तमान में ग्वालियर स्थित जयारोग्य चिकित्सालय में बतौर नर्सिंग ऑफिसर पदस्थ हैं। पूनम ने 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने अपनी बेटी के साथ इच्छा मृत्यु के लिए अनुमति दिए जाने की मांग की है। पूनम का आरोप है कि उसे छ माह से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है। पूनम ग्वालियर में बेटी व माता पिता के साथ किराए के मकान में रहती है, जबकि उनका पति इंदौर में छोटा मोटा कारोबार कर अपना गुजारा करते हैं।
नर्स पूनम का यह भी आरोप है कि जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ आर.के.एस धाकड़ मेरी सैलरी नहीं निकाल रहे हैं और गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अक्षय निगम ने उनके साथ अभद्रता की है। पूनम कहती है कि डीन ने एक युवक को भेजकर मैसेज भेजा था कि रात को आठ बजे के बाद आकर मिल लो, आपकी पूरी सैलरी दिलवा देंगे। इतना ही नहीं जब पीड़ित नर्स ने दोनों अधिकारियों की शिकायत की तो उसे लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं, उस पर मानहानि का दावा करने की धमकी दी जा रही है। साथ ही उसकी शिकायत पुलिस से की है, जिसको लेकर वो अब थाने के चक्कर लगा रही है।
इसी से परेशान होकर नर्स पूनम सरनकर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर उसे बेटी के साथ इच्छा मृत्यु दिए जाने की मांग की है। साथ ही 15 दिन में उसे इच्छा मृत्यु के लिए अनुमति देने या फिर दोनों वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की मांग की है। वहीं जब इस बारे में दोनों अधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो वे उपलब्ध नहीं हो सके।