दिल्ली। दिल्ली में सीएए (CAA) के विरोध में शाहीन बाग में हुए बहुचर्चित प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या समूह सार्वजिनक स्थानों को ब्लॉक नहीं कर सकता है। पब्लिक प्लेस पर अनिश्चितकाल के लिए कब्ज़ा नहीं किया जा सकता।
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अदालत ने कहा कि सीएए (CAA) के विरोध में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे, रास्ते को प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से अलग-अलग फैसला दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों और सड़कों पर अनिश्चित काल तक कब्ज़ा नहीं किया जा सकता है।
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सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता –
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आवागमन का अधिकार अनिश्चित काल तक रोका नहीं जा सकता। शाहीन बाग में मध्यस्थता के प्रयास सफल नहीं हुए, लेकिन हमें कोई पछतावा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा सार्वजनिक बैठकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, लेकिन उन्हें निर्दिष्ट क्षेत्रों में होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा संविधान विरोध करने का अधिकार देता है लेकिन इसे समान कर्तव्यों के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
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सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन करने की कानून इजाजत नहीं देता –
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध जताने के लिए पब्लिक प्लेस या रास्ते को ब्लॉक नहीं किया जा सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिकारियों को इस तरह के अवरोध को हटाना चाहिए। विरोध प्रदर्शन तय जगहों पर ही होना चाहिए। अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के सार्वजनिक जगहों पर प्रदर्शन लोगों के अधिकारों का हनन है। कानून में इसकी इजाजत नहीं है।
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