सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कुणाल कामरा (kunal kamra) के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अपनी सहमति दे दी है। जर्नलिस्ट अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत दिए जाने के बाद कामरा ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले मेंं श्रीरंग काटनेशवारकर ने अवमानना कार्रवाई के लिए लेटर पिटिशन भेजा था। इस पर गौर करने के बाद अटॉर्नी जनरल ने सहमति दी ही।
फ्रीडम ऑफ स्पीच के मायने
कार्रवाई शुरू करने की सहमति –
कुणाल कामरा के ट्वीट –
कुणाल कामरा के इन ट्वीट्स को न्यायालय की अवमानना माना जा रहा है। लेटर में फ्रीडम ऑफ स्पीच के बारे में पूरी डिटेल में बात कही गई है। बोलने का अधिकार है मगर देश की सर्वोच्च अदालत की अवमानना करने का अधिकार नहीं है।