भोपाल. मध्य प्रदेश में भले ही अभी विधानसभा चुनाव में लंबा समय बाकी हो, लेकिन सियासी दलों ने मिशन 2023 पर अभी से जोर लगाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस ने आदिवासी वोटरों को साधने के लिए अब आदिवासी अंचलों का रुख कर लिया है. एमपी कांग्रेस 6 सितंबर को बड़वानी में आदिवासी अधिकार यात्रा निकालने जा रही है. इस आयोजन के बहाने कांग्रेस बड़वानी और उससे लगे आधा दर्जन जिलों को कवर करने की कोशिश में है. बड़वानी के साथ धार, खरगोन, मंदसौर और नीमच जिलों के आदिवासियों को लेकर कांग्रेस बड़ा आयोजन करेगी.
एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि 6 सितंबर को होने वाली अधिकार आदिवासी अधिकार यात्रा में आदिवासी नेता शामिल होंगे. बीते दिनों नेमावर कांड और नीमच में आदिवासी युवक की मौत के मामलों को लेकर सरकार की नीति रीति का विरोध होगा. नरेंद्र सलूजा के मुताबिक, बड़वानी के आयोजन में बड़ी संख्या में आदिवासी जुटेंगे. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य स्तर के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बीजेपी ने साधा निशाना
कांग्रेस के बड़वानी में आदिवासी अधिकार यात्रा निकाले जाने पर बीजेपी ने निशाना साधा है. प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि आदिवासियों के हित में कांग्रेस ने कुछ नहीं किया है और आदिवासी कांग्रेस के बहकावे में नहीं आएंगे. हालांकि कांग्रेस ने आदिवासी अधिकार यात्रा को सफल बनाने के लिए अभी से कवायद तेज कर दी है. एआईसीसी सचिव कुलदीप इंदौरा आज और कल खरगोन व धार का दौरा कर आदिवासी अधिकार समागम कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करेंगे. दरअसल प्रदेश में कुल आदिवासी सीटों की संख्या 47 है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 32 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी. यही कारण है कि कांग्रेस आदिवासी बहुल सीटों पर अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है और इसी को लेकर अब बड़वानी में बड़ा आयोजन करने की तैयारी है.