उज्जैन।महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा दी जा रही दान राशि में वहां के कर्मचारी बड़ा खेल कर रहे थे। कर्मचारी दान राशि को दानपेटी में न डालकर बारी-बारी से अपनी जेब में डाल रहे थे। महाकाल मंदिर समिति ने तीन कर्मचारियों को रंगेहाथ पकड़ लिया। समिति ने मंदिर में उनकी एंट्री बंद कर दी है। ये कर्मचारी श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा शुरू की गई नि:शुल्क प्रसाद, तिलक और कलावा (मौली) बंधवाने के कार्यक्रम में लगे थे। इस नि:शुल्क योजना को मंदिर समिति ने एक माह पहले ही शुरू किया गया था।
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ओंकारेश्वर मंदिर के सामने तिलक लगाने और (कलावा) मौली बंधवाने सहित प्रसाद देने के लिए काउंटर शुरू किया था। इस काउंटर पर श्रद्धालुओं को तिलक और मौली के लिए अलग-अलग शिफ्ट में मंदिर समिति के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। मंदिर प्रशासन के पास काउंटर पर कर्मचारियों द्वारा पैसे मांगने की लगातार शिकायत मिल रही थी। इसके बाद शनिवार को दोपहर करीब 2ः30 बजे मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ और सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने काउंटर के पीछे खड़े होकर कर्मचारियों की हरकत पकड़ ली।
शनिवार को तिलक काउंटर पर मंदिर समिति के कर्मचारी संतोष पाठक, शुभम मिश्रा और गोपाल जोशी की ड्यूटी थी। अधिकारियों ने कर्मचारियों से पूछताछ की तो इनके पास करीब 1355 रुपए की राशि जेब में मिली। जब उन्हें पकड़ा गया तो यह राशि बरगद के पेड़ के पास फेंक दी थी। हालांकि पूछताछ की तो कर्मचारियों ने राशि लेना स्वीकार कर लिया। महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा की मंदिर प्रशासन ने तीनों कर्मचारियों को जांच रिपोर्ट आने तक मंदिर में प्रवेश देने से रोक दिया है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में कार्य क्षेत्र के कारण करीब 350 कर्मचारियों की अलग-अलग समय पर विभिन्न विभागों में काम करते है। कलेक्टर रेट से अधिक वेतन और प्रतिवर्ष वेतन बढ़ाने के बाद भी कुछ प्रकल्पों में कर्मचारी श्रद्धालुओं से राशि लेकर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को चूना लगा रहे है।