Census 2027: दो चरणों में होगा देश का सबसे बड़ा आंकड़ा मिशन, जानिए किस राज्य में पहले होगी शुरुआत

Census 2027: भारत सरकार ने आखिरकार जनगणना की तारीखों पर से पर्दा उठा दिया है। गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को घोषणा की कि देश में जनगणना 2027 में कराई जाएगी। इसके लिए गृह मंत्रालय ने जनगणना अधिनियम 1948 के तहत अधिसूचना भी जारी कर दी है। कोविड महामारी के चलते लंबे समय से टली जनगणना अब तय समय पर दो चरणों में की जाएगी। यह प्रक्रिया एक बड़े सामाजिक और राजनीतिक बदलाव का आधार भी बन सकती है।

दो चरणों में होगी गिनती

इस बार जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहला चरण अक्टूबर 2026 तक निपटाया जाएगा। इसके बाद दूसरा और अंतिम चरण मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। खास बात यह है कि 1 मार्च 2027 की स्थिति को ही आधार मानकर पूरे देश की जनसंख्या और सामाजिक आंकड़े दर्ज किए जाएंगे। यानी 1 मार्च की स्थिति जैसी होगी वैसी ही रिपोर्ट में दिखेगी।
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड जैसे ठंडे और पहाड़ी राज्यों में मौसम की वजह से जनगणना की प्रक्रिया पहले पूरी कर ली जाएगी। इन राज्यों के लिए 1 अक्टूबर 2026 को ही जनगणना की संदर्भ तिथि माना जाएगा। इन क्षेत्रों में बर्फबारी और कठिन मौसम को देखते हुए यह फैसला लिया गया है ताकि आंकड़ों में किसी तरह की देरी या गड़बड़ी न हो।

डेटा जारी होने में लगेगा समय

पूरी जनगणना प्रक्रिया मार्च 2027 तक समाप्त हो जाएगी। इसके बाद प्राथमिक आंकड़े मार्च 2027 में जारी कर दिए जाएंगे। लेकिन विस्तृत और गहराई से विश्लेषण किया गया डेटा दिसंबर 2027 तक सामने आएगा। यह आंकड़े देश की सामाजिक, आर्थिक और जातीय स्थिति की तस्वीर साफ करेंगे और कई बड़े फैसलों की नींव बनेंगे।
जनगणना के बाद सबसे बड़ा असर 2028 से शुरू होने वाली लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन पर पड़ेगा। यानी सीटों की संख्या और आरक्षण की स्थिति में बदलाव संभव है। खास बात यह है कि इस परिसीमन के साथ ही महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जा सकता है। इसका सीधा असर 2029 के आम चुनावों पर पड़ेगा और भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ सकता है।
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