केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना के मौजूदा दिशा-निर्देशों को 30 जून तक जारी रखने का आदेश दिया है, जिन जिलों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या ज्यादा है, वहां पर गहन एवं स्थानीय स्तर पर नियंत्रण के उपाय किए जाने की सलाह दी है।
एक नए आदेश में, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करने से दक्षिण और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नए और अंडर ट्रीटमेंट मामलों में गिरावट आई, भल्ला ने कहा, “मैं इस बात पर प्रकाश डालना चाहूंगा कि गिरावट की प्रवृत्ति के बावजूद, वर्तमान में अंडर ट्रीटमेंट मामलों की संख्या अब भी बहुत ज्यादा है, लिहाज़ा यह अहम है कि नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू रखा जाए।”
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को जारी अपने आदेश में केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि स्थानीय हालात, जरूरत और स्रोतों का आकलन करने के बाद राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उचित समय पर चरणबद्ध तरीके से पाबंदियों में किसी तरह की रियायत देने पर विचार कर सकते हैं, उन्होंने कहा कि मई महीने के लिए 29 अप्रैल को जारी किए गए दिशा-निर्देश 30 जून तक लागू रहेंगे।
गाइडलाइन के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने राज्यों से कहा कि ऑक्सीजन से लैस बिस्तर, आईसीयू बिस्तर, वेंटिलेटर, एम्बुलेंस की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें और जरूरत पड़ने पर अस्थायी अस्पतालों का निर्माण करेंगे।
इसी के साथ पर्याप्त पृथक केंद्रों की व्यवस्था भी रखें, गृह मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए जारी ताजा गाइडलाइन में देश में कहीं भी लॉकडाउन लगाने के बारे में कुछ नहीं कहा है, देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में कुछ गिरावट और दिल्ली समेत देश के कुछ हिस्सों में बिस्तरों, आईसीयू और ऑक्सीजन की उपलब्धता की स्थिति में सुधार के बीच कोविड-19 प्रबंधन के लिए ताजा गाइडलाइन आए हैं।
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन जिलों की पहचान करने के लिए कहा जहां या तो पिछले एक सप्ताह में कोविड संक्रमण दर 10 प्रतिशत से ज्यादा थी या बिस्तर पर भर्ती दर 60 प्रतिशत से ज्यादा थी। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उपरोक्त दो मानदंडों में से किसी एक को पूरा करने वाले जिलों पर गहन और स्थानीय स्तर पर नियंत्रण उपाय करने के लिए विचार किया जाना चाहिए, मंत्रालय ने राज्यों को नियंत्रण उपायों पर विचार करने के लिए भी कहा है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 अप्रैल को एक परामर्श में जारी किए थें
बयान के अनुसार जिन क्षेत्रों में मामलों की संख्या ज्यादा है, वहां जरूरी गतिविधियों को छोड़कर, रात के दौरान लोगों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित होगी, इसमें कहा गया कि सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, त्योहार से संबंधित मौकों पर लोगों के जमा होने और सभाएं प्रतिबंधित हैं।