सिगरौली। सिंगरौली जिले के देवसर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत घोघरा में पदस्थ पंचायत सचिव सुखराम सिंह को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सरपंच एवं जनपद सदस्य का चुनाव लड़ रहीं तीन पत्नियां होने के बावजूद एक पत्नी की जानकारी छिपाने के आरोप में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वीके सिंह ने निलंबित कर दिया है। बता दें कि सचिव सुखराम सिंह की पहली पत्नी कुसुम कली सिंह एवं दूसरे नंबर की पत्नी गीता सिंह ग्राम पंचायत पीपरखाड़ सरपंच पद के लिए चुनाव मैदान में हैं। जबकि तीसरी पत्नी उर्मिला सिंह जनपद पंचायत देवसर के वार्ड क्रमांक 13 से जनपद सदस्य पद के लिए चुनाव मैदान में हैं।
जनपद पंचायत के सीईओ ने अपने अधीनस्थ समस्त कर्मचारियों से यह जानकारी मांगी थी कि अगर उनका कोई स्वजन या रिश्तेदार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रत्याशी हैं तो जानकारी उपलब्ध कराएं। इस पर पंचायत सचिव सुखराम सिंह ने अपनी पहली पत्नी एवं तीसरी पत्नी की जानकारी सीईओ को दी थी जबकि दूसरे नंबर की पत्नी जो निवर्तमान में पीपरखाड़ की सरपंच थी उसकी जानकारी नहीं दी। जबकि दूसरी पत्नी गीता सिंह के पति के नाम के आगे सुखराम सिंह ही दर्ज था। मामला सामने आने के बाद सीईओ ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस का जवाब नहीं देने पर सीईओ वीके सिंह ने सुखराम सिंह को निलंबित कर जिला पंचायत सिंगरौली में अटैच कर दिया।
सचिव सुखराम सिंह की पहली शादी 30 वर्ष पहले कुसुम कली सिंह हुई थी जबकि दूसरी शादी गीता सिंह 10 वर्ष पूर्व हो चुकी है। दो शादियां होने के बाद अभी दो वर्ष पूर्व उन्होंने उर्मिला सिंह से शादी की थी। पीपरखाड़ सचिव रहते हुए गीता सिंह को सुखराम सिंह ने सरपंच का चुनाव लड़ा कर सरपंच बनाया था। तीसरी शादी होने के बाद सरपंच पत्नी से अनबन हो गई थी। इसलिए निवर्तमान सरपंच पत्नी गीता सिंह खिलाफ पहली पत्नी कुसुम कली सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था।