भोपाल। मध्य प्रदेश में अब सर्दी बढ़ सकती है। केरल-कर्नाटक के तट पर बना कम दबाव का क्षेत्र अरब सागर में आगे बढ़ने लगा है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को न्यूनतम तापमान रीवा, शहडोल एवं सागर संभाग के जिलों में काफी गिरा। नर्मदापुरम, जबलपुर, शहडोल, उज्जैन और भोपाल संभाग के जिलों में सामान्य से काफी अधिक रहा। शेष संभाग के जिलों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ।ओडिशा पर बना प्रति चक्रवात भी कुछ कमजोर पड़ गया है। इन मौसम प्रणालियों का असर मध्य प्रदेश में पड़ा है। बादल छाए हैं। गुरुवार को इंदौर व नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है।
इसके बाद बादल छंटने लगेंगे। दो दिन में चार डिग्री सेल्सियस तक पारा लुढ़क सकता है। इससे ठंड में इजाफा होगा। बुधवार को प्रदेश में सबसे कम 8.8 डिग्री सेल्सियस तापमान नौगांव में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि कर्नाटक-केरल के तट पर बना कम दबाव का क्षेत्र अरब सागर में अरब देशों की तरफ बढ़ने लगा है। इससे इस मौसम प्रणाली का प्रभाव कम हो गया है।
ओडिशा पर बना प्रतिचक्रवात भी कमजोर पड़ गया है। इससे हवा के साथ नमी आने का सिलसिला कम हो गया है। इसके चलते मध्य प्रदेश में धीरे-धीरे मौसम साफ होने लगा है। बादल छंटने से बुधवार को दिन के तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। शुक्ला के मुताबिक गुरुवार से न्यूनतम तापमान में गिरावट होने लगेगी। शनिवार तक मध्य प्रदेश में रात के तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। हालांकि गुरुवार को भी नर्मदापुरम एवं इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा भी हो सकती है।