भोपाल। मध्य प्रदेश के लोगों के लिए राहत भरी खबर यह है कि यहां प्री-मानसून की गतिविधियां शुरू होने की संभावना बन रही है, लेकिन परेशान करने वाली बात ये है कि ये परिस्थितियां नौतपा के दौरान बन रही है और ऐसा कहा जाता है कि जिस वर्ष नौतपा में बारिश हो जाती है, उस साल अपेक्षाकृत कम बारिश होती है। ज्योतिष इसे नौतपा का गलना मानते हैं और कहते हैं कि नौतपा में नौ दिन गर्मी रहेगी, तभी अच्छी बारिश होती है। वरना मानसून अच्छा नहीं माना जाता है। हालांकि ये केवल ज्योतिषियों का मानना है। विज्ञानी इस बात को सही नहीं कहते।
मौसम विज्ञानियों की मानें तो 22 एवं 23 मई को एक द्रोणिका बनने की संभावना है, जिसका विस्तार राजस्थान से उत्तरी छत्तीसगढ़ और ओडिसा के कुछ हिस्सों तक रहेगा। इसके प्रभाव से पूर्वी मध्य प्रदेश में 22-23 मई के आसपास गरज-चमक व तेज आंधी के साथ बारिश होने का अनुमान है। यहां से प्री-मानसून शुरू होकर धीरे-धीरे 25-26 मई तक पूरे प्रदेश में फैल जाएगा और प्रदेश के कई हिस्सों में बूंदा-बांदी होगी यानी इस साल नौतपा (25 से दो जून) में भी बारिश होगी। पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी 23 मई को मौसम थोड़ा बदल जाएगा और हवाएं चलने लगेंगी।
मौसम विज्ञानी पी के साहा ने बताया कि मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में गुरुवार रात बूंदाबांदी हुई है। इनमें सतना के रघुराजनगर में, सिवनी के कुरई में और छिंदवाड़ा के सौसर एवं बिछुआ शामिल हैं। अन्य संभागों का मौसम शुष्क ही रहा। गुरुवार 19 मई को रीवा का तापमान सामान्य से बढ़ा हुआ था।जबकि अन्य जगहों के तापमान में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ। प्रदेश का सर्वाधिक तापमान 46 डिग्रीसे. नौगांव में दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि 20 मई को बालाघाट एवं सिवनी के जिलों में गरज-चमक व धूल भरी आंधी के साथ बारिश हो सकती है। वहीं ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैला, दमोह, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिलों में लू चलने की संभावना है।
नौतपा पर बारिश होना मानसून के लिए ठीक नहीं माना जाता। हालांकि ऐसा पहले भी हो चुका है कि नौतपा के दौरान बारिश हो गई, लेकिन मानसून सामान्य रहा। हां, ये जरूर देखने में आया कि उस साल खंड-खंड में बारिश हुई, उदाहरण के तौर पर शहर के हिस्से में हुई, तो दूसरा सूखा रहा।- पंडित जगदीश शर्मा, हबीबगंज