भोपाल। अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा होने का सिलसिला जारी है। हालांकि मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसम प्रणालियां कमजोर पड़ गई हैं। इस वजह से अब वर्षा की गतिविधियों में कमी आने की संभावना है। विशेषकर ओले गिरने के आसार अब कम ही हैं। मंगलवार को रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक शिवपुरी में 12, टीकमगढ़ में 12, रायसेन में 11, मंडला में 9.1, जबलपुर में 7, सागर में 6.6, मलाजखंड में 3.4, नौगांव में 2.8, गुना में 2.3, दतिया में 2.2, इंदौर में 2, उमरिया में 1.2, दमोह में 1.0, भोपाल में 0.8, उज्जैन में 0.6 मिलीमीटर वर्षा हुई। उधर पिछले छह दिनों से अलग-अलग क्षेत्रों में रुक-रुककर वर्षा होने से तापमान में गिरावट हो गई है। इससे रात में सिहरन महसूस होने लगी है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान एक पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी मध्य प्रदेश के आसपास बना हुआ है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में बने चक्रवात से लेकर उत्तर प्रदेश से होकर नागालैंड तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मिल रही नमी के कारण मध्य प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में वर्षा हो रही है। शुक्ला के मुताबिक मौसम प्रणालियां अब कमजोर पड़ने लगी हैं। इस वजह से वर्षा की गतिविधियों में कमी आने लगेगी। विशेषकर अब ओले गिरने की संभावना काफी कम है। हालांकि अभी बादल बने रह सकते हैं। जिसके चलते दिन के तापमान में बढोतरी के आसार कम हैं।
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