सरकार कोरोना संकट में लोगों को राहत देने के लिए सरकार चेक या इ.एम.आई बाउंस जैसे मामलों को अपराध की श्रेणी से हटाने की तैयारी कर रही है, इसके मायने यह हुए कि अब चेक या किस्त बाउंस होने पर जेल की सजा नहीं होगी, सरकार ने चेक बाउंस, कर्ज की किस्त का भुगतान नहीं हो पाने सहित करीब 19 कानूनों के तहत होने वाले हल्के उल्लंघनों को लिस्ट से हटाने का प्रस्ताव किया है|
इन कानूनों में भी हो सकता है बदलाव
वैसे सरकार के पास कुछ कानून में बदलाव के सुझाव पहले ही आए हैं, इनमें बीमा कानून, नाबार्ड कानून, राज्य वित्तीय निगम अधिनियम, क्रेडिट इन्फार्मेशन कंपनीज कानून और फैक्टरिंग नियमन कानून को भी शामिल किया गया है। जानकारों का कहना है कि इन कानूनों में कई नियम ऐसे हैं जिनमें छोटे उल्लंघनों को भी क्राइम माना गया है।
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने इसके बारे में बताया था. उन्होंने कहा था कि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए कारोबार से जुड़े कानून में बदलाव किया जाएगा. सरकार इससे पहले कंपनी कानून के तहत भी इस तरह के कदम उठा चुकी है. कंपनी कानून के तहत भी कई उल्लंघनों को क्राइम से हटा दिया गया है | फाइनेंस मिनिस्ट्री का कहना है कि इससे कारोबार में बढ़ोतरी होगी और लोगों को अनचाही दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा, प्रस्ताव के मुताबिक यह सरकार के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के उद्देश्य के तहत उठाया गया कदम है।
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