भोपाल । नवंबर में मध्य प्रदेश पहुंचने वाले अफ्रीकी चीता को बसाने के लिए श्योपुर के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में तैयारियां तेज हो गई हैं। पार्क में विश्राम गृह के नजदीक विशेष बाड़ा बन रही है, जिसमें पहली बार चीता रखा जाएगा। इसी बाड़े में देखभाल के बाद चीता खुले जंगल में छोड़े जाएंगे। ये बाड़ा अगस्त तक तैयार करना है। इसी आधार पर चीता को लाने की आगे की कार्रवाई होगी। जमीन से पांच फीट तक की कटीली झाड़ियां हटाना और खंदकों (गड्ढों) को भरना भी तैयारियों में शामिल हैं। जंगल में जगह-जगह पानी के लिए छोटे-छोटे तालाब बनाए जाएंगे। पिछले दिनों मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जायजा भी लिया है।
चीता परियोजना के लिए कूनो पालपुर के चयन के बाद पिछले साल श्योपुर पहुंची सुप्रीम कोर्ट की साधिकार समिति की उपसमिति ने चीता लाने से पहले घास, झाड़ी मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए थे। इसके चलते पार्क प्रबंधन ने 21 करोड़ रुपये की मांग की थी। राशि देने पर केंद्र सरकार की सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। केंद्र से राशि मिलने की प्रत्याशा में राज्य सरकार ने 14 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिससे काम शुरू हो गया है। सबसे पहले चैनलिंक जालियों से विशेष बाड़ा तैयार किया जा रहा है, जिसमें अफ्रीका से आने वाले चीता शुरुआत में दो महीने रहेंगे।
इस दौरान डाक्टर और विशेषज्ञों की देखरेख में सभी चीता के स्वास्थ्य की लगातार जांच होगी और रहनसहन देखा जाएगा। यह भी देखेंगे कि उनके स्वभाव में कोई बदलाव तो नहीं आ रहा है। जब सब सामान्य रहेगा, तभी एक-एक कर चीता खुले जंगल में छोड़े जाएंगे। इससे पहले उन्हें कालर आइडी भी लगाई जाएगी। मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक आलोक कुमार ने बताया कि चीता के लिए पार्क तैयार किया जा रहा है। बाड़ा निर्माण सहित अन्य काम शुरू हो गए हैं। हम तय समय पर काम पूरे कर लेंगे।