32.1 C
Bhopal
Saturday, September 21, 2024

इस जिले के नेशनल पार्क में अब ऐसे रखी जाएगी चीतों पर नजर

Must read

श्योपुर। कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में अफ्रीकी चीतों के लिए बनाए गए बाड़ों के चार किमी क्षेत्र में दो ड्रोन कैमरों से आसमान से नजर रखी जाएगी। इससे चीतों की सुरक्षा आसान होगी। पार्क में चार हाई डेफिनेशन कैमरे लगाए गए हैं। इनमें लगे मोसन डिटेक्टर की खास बात यह है, कि जैसी ही वन्यजीव या शिकारी कैमरे की जद में आएगा, वैसे ही यह उसे आटोमैटिक जूम कर देगा, जिससे उसकी पहचान आसानी से हो जाएगी। पार्क में लगे सीसीटीवी कैमरों के लिए मानीटरिंग रूम श्योपुर स्थित कूनो आफिस में भी बनाया जा रहा है।

 

कैमरों से अधिकारी-कर्मचारी हर पल अफ्रीकी चीतों पर नजर रख सकेंगे। कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में चीतों के लिए पांच वर्ग किमी एरिया में आठ फीट ऊंचा बाड़ा बन गया है। ऊपरी हिस्से के बाद 2.9 एमएम वाई आकार की फेसिंग लगाने के साथ ही इसमें तीन स्तर की (3-3 और 2) कोर की सुरक्षा दी गई है। बाहरी जानवर प्रवेश नहीं कर सकें, इसके लिए सोलर फेंसिंग सिस्टम एनक्लेजर के बाहरी छोर पर दिया है। सिस्टम की अहम बात है, कि जब भी कोई वन्यजीव या शिकारी इसे छुएगा तो उसे तेज करंट का झटका लगेगा। इससे उसकी जान तो नहीं जाएगी, लेकिन वह सोलर फेंसिंग के पास फिर से जाने से जरूर डरेगा।यहां लाए जाने वाले चीतों के लिए बनाए गए बाड़े और उसके आसपास के चार किमी के एरिया में ड्रोन से निगरानी की जाएगी।

 

अफ्रीकी चीते आने से पहले नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथारिटी (एनटीसीए) ने कूनो प्रबंधन से सिक्युरिटी प्लान मांगा है। इस प्लान में कूनो में किस तरह के शिकार होते हैं। शिकारी किस हथियार का उपयोग करते हैं। वह किन-किन रास्तों से होकर पार्क में आते हैं। वन्यजीव व पक्षियों का कहां और किस तरह से शिकार करते हैं। किस समुदाय के लोग शिकार करते हैं। इस साल पार्क में कितने शिकार, कितने लोग अवैध तरीके से आए और कितने लोगों पर कार्रवाई की गई है। प्रबंधन ने बताया है, कि एक साल में शिकार के चार प्रकरण बने हैं। शिकारी भरमार बंदूक यानी टोपीदार बंदूक का उपयोग करते हैं। छह प्रकरण अवैध प्रवेश और करीब 70 मामले अवैध लकड़ी कटाई के दर्ज किए गए हैंं।

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest News

error: Content is protected !!