भोपाल। मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने गुरुवार, 3 अक्टूबर को पदभार ग्रहण करने के बाद मंत्रालय में शीर्ष अधिकारियों के साथ पहली लंबी बैठक की। इस 2.5 घंटे की बैठक में जैन ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों में इनोवेशन और शहरीकरण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
कंसल्टेंट्स पर निर्भर न रहें, खुद अध्ययन करें
बैठक में अनुराग जैन ने कहा कि अधिकारी कंसल्टेंट्स पर पूरी तरह से निर्भर न रहें, बल्कि उनकी सलाह से केवल सहयोग लें। उन्होंने अधिकारियों को खुद अध्ययन कर नीतियों पर काम करने की सलाह दी। उन्होंने जोर दिया कि अधिकारी किसी समस्या का सामना करें तो उनसे सीधा संवाद कर सकते हैं, किसी भी तरह के बिचौलिए की आवश्यकता नहीं है।
लैंडबैंक के सही उपयोग पर जोर
मुख्य सचिव जैन ने बैठक में राज्य के पास मौजूद लैंडबैंक का बेहतर और सही उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में अच्छा लैंडबैंक है और इसका सही तरीके से उपयोग होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने पर्यटन, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्रों में बेहतर काम करने की आवश्यकता बताई। बैठक में वित्त विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर चर्चा की, जिस पर जैन ने और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता जताई।
पीएम-सीएम के विजन पर निर्देश
जैन ने अपनी पहली ही बैठक में स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने उद्यमिता और उद्योग क्षेत्र में सुधार लाने की बात कही और अधिकारियों को उद्यमियों की समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने की सलाह दी। उन्होंने पर्यटन, पर्यावरण, वन और खनन से जुड़ी मंजूरियों को और सरल बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि राज्य में निवेश और विकास को बढ़ावा मिल सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक में जैन ने प्रदेश के अधिकारियों को सलाह दी कि वे न सिर्फ नीतियों को बेहतर ढंग से लागू करें, बल्कि शहरीकरण और औद्योगिकीकरण को प्राथमिकता दें, जिससे राज्य को आर्थिक रूप से और भी सशक्त बनाया जा सके।