भोपाल।कोविड के संक्रमण के कारण दो साल से पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों पर परीक्षा का दबाव नहीं था। लेकिन इस बार अब पांचवीं व आठवीं के बच्चों को परीक्षा से गुजरना होगा। उनकी वार्षिक परीक्षा बोर्ड की तर्ज पर आयोजित होंगी। प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूलों में पांचवीं व आठवीं की वार्षिक परीक्षाएं एक अप्रैल से शुरू होंगी, जो 9 अप्रैल तक चलेंगी। वहीं बच्चों को प्रोजेक्ट वर्क 21 मार्च से 31 मार्च के बीच पूरा करा लिए जाएंगे।
हालांकि इस परीक्षा को बोर्ड परीक्षा नहीं कहा जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए पोर्टल पर भी अपलोड कर दिया है। परीक्षा में 60 अंक का लिखित प्रश्नपत्र और 40 अंक प्रोजेक्ट बेस्ड होगा। विद्यार्थी को प्रत्येक विषय में 33 फीसद अंक लाना अनिवार्य होगा, नहीं तो अनुत्तीर्ण कर उसी कक्षा में रोका जाएगा। उसे दुबारा उसी क्लास में पढ़ना होगा। हालांकि अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए दो माह बाद पुन: परीक्षा ली जाएगी। फेल विद्यार्थियों को दो माह तक तैयारी कराई जाएगी। इसके बाद परीक्षा ली जाएगी।
इस वार्षिक परीक्षा में जिस विषय में जिस सवाल का जवाब बच्चों द्वारा गलत लिखा जाएगा, उसके बारे में क्लास में शिक्षक समझाएंगे और बतलाएंगे। अगर कोई विद्यार्थी 33 फीसद अंक नहीं ला सकेगा, तो उसकी परीक्षा दो माह बाद फिर से ली जाएगी। इस दौरान शिक्षक ऐसेे विद्यार्थियों की अलग से कक्षा लगाएंगे। परीक्षा में जो भी सवाल गलत होंगे, उन्हें पढ़ाएंगे। वर्तमान में पांचवीं व आठवीं की कक्षाएं सरकारी स्कूलों में भी नियमित तौर पर लगाई जा रही है और परीक्षा की तैयारी कराई जा रही हैं। इससे बच्चे भी आफलाइन परीक्षा देने प्रति धीरे-धीरे उत्साहित हो रहे हैं।