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Friday, September 20, 2024

फ्लाईओवर के नीचे बच्चों की पाठशाला, 70 से अधिक बच्चे करते हैं पढ़ाई

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भोपाल: कार का हॉर्न सुनते ही बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठते हैं। यह नजारा लालघाटी के फ्लाईओवर के नीचे का है, जहां एडवोकेट विनीता सिंह माइग्रेंट लेबर के बच्चों को पढ़ाती हैं। विनीता ने लगभग 11 महीने पहले इस अनोखी “फ्लाईओवर पाठशाला” की शुरुआत की थी।

विनीता बताती हैं कि इस इलाके में माइग्रेंट लेबर के बच्चे रहते हैं, जिन्हें वे रोजाना पढ़ाती हैं। फ्लाईओवर के नीचे एक अस्थायी स्कूल बनाया गया है, जहां 20 से 50 बच्चों को पढ़ाई कराई जाती है। यह बच्चे रोज़ उनका इंतजार करते हैं। इस क्षेत्र में करीब 50 से अधिक घुमक्कड़ जनजातीय परिवार रहते हैं, जिनके लगभग 70 बच्चे यहां रहते हैं।

 राख और कोयले से हुई शुरुआत

विनीता के मुताबिक, इस पहल का आइडिया एक साल पहले तब आया जब वे इस इलाके में एक सर्वे के लिए आई थीं कि बच्चों के आधार कार्ड बने हैं या नहीं। तब पता चला कि किसी भी बच्चे का आधार कार्ड नहीं बना था, इसलिए वे सरकारी स्कूल में प्रवेश नहीं ले सकते थे। एक बच्ची ने भारी मन से बताया कि पहले भी एक मैडम आई थीं, जो पढ़ाने का वादा करके चली गईं, लेकिन दोबारा कभी नहीं आईं। इसके बाद विनीता ने राख और कोयले से फ्लाईओवर के पिलर पर लिखकर बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि देखकर उन्होंने यह पाठशाला नियमित कर दी।

पुलिस का सहयोग

विनीता बताती हैं कि इस इलाके में कई असामाजिक तत्व सक्रिय हैं, लेकिन कोहेफिजा पुलिस नियमित गश्त करती है। जब विनीता बच्चों को पढ़ाती हैं, तो पुलिस आसपास मौजूद रहती है, ताकि कोई परेशानी न हो। इसके अलावा, पुलिस पाठशाला के आसपास से अतिक्रमण भी हटवाती है, जिससे बच्चों को पढ़ाई में कोई बाधा न आए। पुलिस इलाके के लोगों को भी बच्चों की पढ़ाई में सहयोग करने के लिए प्रेरित करती है।

बच्चे खुद तैयार करते हैं क्लास

इस पाठशाला की खास बात यह है कि बच्चे खुद अपनी क्लास की तैयारी करते हैं। विनीता जब भी पढ़ाने आती हैं, तो कार से हॉर्न देती हैं और बच्चे अलग-अलग जगहों से निकलकर आ जाते हैं। बच्चे विनीता की कार से चटाई, स्पीकर, बोर्ड और अन्य सामग्री निकालने में मदद करते हैं। वे रोज़ाना पहले प्रार्थना करते हैं और फिर पढ़ाई शुरू होती है।

नैतिक शिक्षा के साथ बेसिक पढ़ाई

विनीता बच्चों को बेसिक पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी देती हैं। वे बच्चों को हिंदी-अंग्रेजी के अक्षर, पर्यायवाची और विलोम शब्द सिखाती हैं। उनकी कोशिश है कि बच्चे हर दिन कुछ नया सीखें और इसे अच्छी तरह समझें।

काउंसलिंग भी जरूरी

विनीता केवल पढ़ाई पर ही जोर नहीं देतीं, बल्कि बच्चों और उनके माता-पिता की काउंसलिंग भी करती हैं। खासकर वे बच्चे जो भीख मांगते हैं, बाल मजदूरी करते हैं या किसी प्रकार का नशा करते हैं, उनके लिए विशेष ध्यान रखा जाता है। विनीता बच्चों और उनके माता-पिता को प्रोत्साहित करती हैं कि वे नशे को छोड़कर शिक्षा की ओर ध्यान दें।

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