देश। लद्दाख में भारत के साथ तनाव के बीच China के इरादे बेहद खतरनाक होते जा रहे हैं। भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत के बेनतीजा रहने के बाद चीनी सेना अब बड़े पैमाने पर घातक हथियारों की तैनाती में जुट गई है। पीपल्स लिबरेशन आर्मी लद्दाख से सटे चीनी कब्जे वाले अक्साई चिन इलाके में मध्यम दूरी तक मार करने वाली किलर मिसाइलें तैनात कर रहा है। इन मिसाइलों की रेंज और संख्या इतनी ज्यादा है कि चीनी सेना पूरे भारत को निशाना बना सकती है। उधर, चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना ने भी बड़े पैमाने पर घातक हथियारों की तैनाती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन भारत को धमकाने के लिए अक्साई चिन में बड़ी संख्या में मध्यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें तैनात कर रहा है। सैटलाइट से मिली तस्वीरों से पता चला है कि पूरे अक्साई चिन इलाके में स्थित चीनी एयर बेस को चीन ने मिसाइलों, तोपों और लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम रॉकेट से पाट दिया है। इसके अलावा चीन मिसाइलों को छिपाने के लिए जमीन के अंदर ठिकाने बना रहा है। इससे वे सैटलाइट की पकड़ में नहीं आएंगी और किसी हमले में नष्ट भी नहीं होंगी।
साउथ चाइना सी की रणनीति दुहरा रहा चीन
इसके अलावा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी इन चीन सैन्य ठिकानों पर देखी गई हैं। चीन ने इसी तरह की रणनीति साउथ चाइना सी में अपनाई थी और वहां अभ्यास कर रहे अमेरिकी नौसेना के एयरक्राफ्ट कैरियर को धमकाने के लिए अपनी DF-26 और DF 21-D मिसाइलों को तैनात किया था। अगर भारत और चीन में सहमति बनती भी है तो इन मिसाइलों को अक्साई चिन से हटाने में काफी समय लगेगा। विश्लेषकों का मानना है कि चीन भारत के साथ मनोवैज्ञानिक युद्ध लड़ रहा है।
उधर, भारतीय सैन्य सूत्रों ने कहा, ‘भारतीय सेना पीएलए के मनोवैज्ञानिक युद्ध से जरा भी परेशान नहीं है। भारतीय सेना सबसे खराब परिस्थिति का भी जवाब देने के लिए तैयार है। चीन के पास भले ही पूरे भारत को निशाना बनाने वाली मिसाइलें हों और उनकी काफी ज्यादा तादाद हो, भारतीय सेना भी इसका जवाब देने के लिए तैयार है।’ रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी कहते हैं कि चीन की मध्यम दूरी की मिसाइलें परमाणु हथियारों से लैस है लेकिन उसने परंपरागत वॉरहेड भी बना लिए हैं। गैर परमाणु हमले में ये चीनी मिसाइलें बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती हैं।
चीन ने तिब्बत में हवाई ठिकानों की संख्या को दोगुना किया
बता दें कि चीन ने पिछले तीन साल में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे अपने इलाके में हवाई ठिकानों की संख्या को दोगुना कर दिया है। इसके अलावा भारतीय विमानों और मिसाइलों को मार गिराने के लिए एयर डिफेंस पोजिशन और हेलीपोर्ट की संख्या को भी बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। चीन ने यह तैयारी लद्दाख में तनाव पैदा करने के ठीक पहले की जिससे उसकी मंशा अब खुलकर सामने आ रही है। चीन के इन सैन्य ठिकानों का सीधा असर भारतीय सुरक्षा पर पड़ रहा है। चीन के सैन्य ठिकानों की यह तैयारी लद्दाख गतिरोध से ठीक पहले की गई जो यह दर्शाती है कि पूर्वी लद्दाख में जारी यह तनाव चीन के अपने सीमाई इलाकों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रयास का हिस्सा है।