देश। चाइनीज एप्स बैन करने के बाद, भारत सरकार अब चीन पर एक और डिजिटल स्ट्राइक करने की तैयारी कर रही है। लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार का फिनटेक कंपनियों पर प्रहार हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के मुताबिक फिनटेक कंपनियां अपने एप्स के जरिए लोगों का डाटा शेयर कर रहे हैं। ज्यादातर फिनटेक कंपनियों के एप्स लोग लोन या फिर वित्तीय जानकारी के लिए डाउनलोड करते हैं। एप डाउनलोड करते समय ये कंपनियां लोगों की वित्तीय जानकारी और पर्सनल डाटा मसलन आधार कार्ड, पैन नबंर, इनकम टैक्स डिटेल से जुड़ी जानकारियां होती है।
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क्या है सरकार की योजना
भारत सरकार इन फिनटेक कंपनियों से लोगों के पर्सनल डेटा तक पहुंचने और उनकी प्राइवेसी को सुरक्षित करने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। दरअसल फिटनेक कंपनियों के उपर कोई रेगुलेटर नहीं होती जैसे बैंकों के लिए आरबीआई रेगुलेटर का काम करता है। वैसे फिनटेक कंपनियों का कोई नियामक नहीं है। फिनटेक कंपनियों में फिक्सड डिप़ॉजिट जैसा स्कीम नहीं होती इसलिए इनके उपर कोई रेगुलेटर नहीं होता। इसका फायदा उठाकर ये कंपनियां लोगों का पर्सनल डाटा शेयर कर सकती है।
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ऐसे हो रही है जांच
सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए सरकार चीन से जुड़े ऐसे हर चीज पर नजर रख रही है। जो सीधा देश के नागरिकों से जड़ा है। फिनटेक कंपनियों पर नकेल की रणनीति इसी योजना का हिस्सा है। चीनी मोबाइल एप्स पर बैन भी इसी योजना के तहत किया गया था। अब सरकार इन फिनटेक कंपनियों का डाटा खंगाल रही है। इसके तहत चीन की इकोऩॉमी पर भी नजर रखने के तैयारी हो रही है।
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क्या होती है फिनटेक कंपनियां
फिनटेक कंपनियां वित्तीय औऱ टेक्ऩॉलिजी दोनो ही सेक्टर में काम करती है। वित्तीय सेक्टर की चीजों को टेक्नॉलिजी के जरिए चलाने का काम फिनटेक कंपनियां करती है। बीते कुछ सालों में भारत में फिनटेक कंपनियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। जिसमें चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा बढ़ी है। अब सरकार इन कंपनियों पर नजर रख रही है ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
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