श्योपुर। जिले के वीरपुर तहसील के ओछा सहराना गांव में हैजा के प्रकोप से दो लड़कियों की मौत हो गई, जबकि 134 लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। बीमार लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायत है और सभी ने गांव के हैंडपंप का पानी पीने के बाद इन समस्याओं का सामना किया है।
मौत और गंभीर बीमारियां
मृतकों में 10 साल की प्रियंका और 17 साल की बाइस कुमारी शामिल हैं। दोनों की मौत हैजा के कारण हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 32 लोगों को जिला अस्पताल श्योपुर में और 23 को अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। साथ ही 79 लोगों का इलाज गांव में ही जारी है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही
दरअसल, शुक्रवार शाम से गांव में उल्टी और दस्त की शिकायतें शुरू हुईं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कुछ दवाइयां दीं, लेकिन रात 12 बजे तक स्थिति में सुधार नहीं आया। कुछ देर तक एंबुलेंस का इंतजार लिया, लेकिन उसकी अनुपस्थिति के कारण ग्रामीणों को अपने निजी साधनों से जिला अस्पताल जाना पड़ा। बाद में एंबुलेंस के माध्यम से बीमारों को अस्पताल पहुंचाया गया। गांव वासियों ने पंचायत सचिव को 15 दिन पहले ही दूषित पानी की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस घटना ने ग्रामीणों के स्वास्थ्य और प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। गांव के हैंडपंप का दूषित पानी इस स्वास्थ्य संकट का मुख्य कारण माना जा रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. आरबी गोयल ने गैस्ट्रोएंटेराइटिस की बीमारी का उल्लेख किया, जो दूषित पानी और भोजन के कारण फैलती है। प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला ने इस मुद्दे पर चिंता जताई और कलेक्टर से रिपोर्ट लेने की बात कही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी रोगियों को पूरा इलाज प्रदान किया जाएगा। कलेक्टर लोकेश जांगीड़ ने स्थिति की पुष्टि की और कहा कि हैंडपंप का पानी ही बीमारी फैलने का प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और डॉक्टर्स की टीम इलाज कर रही है। पानी की रिपोर्ट के बाद अधिक जानकारी मिलेगी।