भोपाल: धान और गेहूं की खरीद के साथ पीडीएस के लिए खाद्यान्न सप्लाई की राशि में देरी होने पर नागरिक आपूर्ति निगम (नान) अब राज्य और केंद्र सरकार से ब्याज के साथ बकाया राशि की मांग करेगा। यानि, यदि सरकारें राशि की उपलब्धता में किसी भी कारण से देरी करती हैं, तो उतने महीने का ब्याज नान क्लेम करेगा। इस प्रस्ताव को निगम संचालक मंडल ने सरकार के पास भेजने की योजना बनाई है और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जाएगा।
नागरिक आपूर्ति निगम को गेहूं और धान की खरीद के बदले राज्य सरकार से लगभग 4,200 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार से 8,500 करोड़ रुपये प्राप्त करने हैं। इन राशियों के लिए कई बार डिमांड नोट भेजे जाने के बावजूद, सरकारों ने बकाया राशि का क्लेम नहीं दिया है।
किराया भुगतान की समस्या
गेहूं के भंडारण के लिए केंद्र सरकार नान को केवल 6 महीने का किराया देती है, जबकि निगम को गोदाम संचालकों को 12 महीने का किराया चुकाना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप, नान पर ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार से किराया की भरपाई की भी मांग की जाएगी।
पीएन यादव, एमडी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम, मध्य प्रदेश ने बताया कि यह कदम नान के वित्तीय दबाव को कम करने और उचित भरपाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।