भोपाल। मध्य प्रदेश में 24 घंटे बाजार खोलने की योजना के अमल से पहले ही रद्द हो गई है। श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल की ओर से प्रस्तावित इस योजना को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विरोध कर दिया, जिससे राज्य सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है। अब केवल इंडस्ट्रियल एरिया में ही 24 घंटे बाजार खुल सकेंगे, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह सुविधा लागू नहीं की जाएगी।
24 घंटे बाजार खोलने का प्रस्ताव
जून 2024 में श्रम विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें शहरी क्षेत्रों और इंडस्ट्रियल एरिया में होटल, रेस्टोरेंट, औद्योगिक इकाइयां और सर्विस सेक्टर को 24 घंटे खोलने की अनुमति दी जाने की बात की गई थी। प्रस्ताव में यह भी था कि व्यवसायों को 8 घंटे की तीन शिफ्टों में संचालित किया जाएगा और कर्मचारियों को सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं होगी।
विजयवर्गीय का विरोध
15 जून 2024 को कैलाश विजयवर्गीय ने सार्वजनिक रूप से इस प्रस्ताव का विरोध किया। उनका तर्क था कि 24 घंटे बाजार खोलने से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और इंदौर के नाइट कल्चर का उदाहरण देते हुए उन्होंने इसे लागू करने पर असहमति जताई। विजयवर्गीय ने सीएम से इस मुद्दे पर चर्चा की और अंततः 12 जुलाई को इंदौर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इंदौर में 24 घंटे बाजार बंद रहेंगे।
श्रम विभाग का संशोधित प्रस्ताव
नगरीय विकास एवं आवास विभाग की असहमति के बाद, श्रम विभाग ने प्रस्ताव में संशोधन किया है। अब 24 घंटे खुलने की सुविधा केवल नोटिफाइड इंडस्ट्रियल एरिया में ही लागू की जाएगी। श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि उन्होंने अपना काम कर दिया है और अब इस फैसले पर अमल नगरीय प्रशासन और गृह विभाग को करना है।
व्यापारिक संगठनों और विशेषज्ञों की राय
फेडरेशन ऑफ एमपी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डॉ. आर एस गोस्वामी का कहना है कि 24 घंटे बाजार खुलने से व्यापारियों को कोई विशेष लाभ नहीं होगा, क्योंकि उद्योगों में पहले से ही दो शिफ्टों में काम होता है। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गुप्ता ने भी कहा कि सरकार को सभी विभागों की सहमति लेकर ही कोई बड़ा निर्णय लेना चाहिए था।
इस तरह, मध्य प्रदेश की 24 घंटे बाजार खोलने की योजना विवादों के बाद केवल इंडस्ट्रियल एरिया तक सीमित रह गई है और शहरी क्षेत्रों में यह सुविधा अब लागू नहीं होगी।