ग्वालियर। ग्वालियर में होटल के बंद कमरे में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके कट्टर विरोधी जयभान सिंह पवैया के बीच गजब की जुगलबंदी नजर आई। संगठन की गोपनीय बैठक में दोनों एक दूसरे के पास बैठकर बातचीत करते हुए नजर आए। जबसे सिंधिया भाजपा में आए है। इस तरह किसी बैठक में दोनों एक साथ बैठकर संगठन के लिए चर्चा करते हुए पहली बार नजर आए हैं।यह बैठक BJP कोर ग्रुप की बैठक थी जिसमें पार्षद के टिकट से लेकर महापौर चुनाव की रणनीति पर बात हुई है। यह बैठक बहुत खास रही है। इस बैठक में क्या बातचीत हुई है यह मीडिया को भी नहीं बताया जा रहा है। पर जो VIDEO बैठक के लीक हुए हैं उसमें सीट की बातें होती सुनाई दे रही हैं।
ग्वालियर में BJP अभी तक महापौर और 66 वार्ड के पार्षदों के टिकट फाइनल नहीं कर पाई है। क्योंकि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हजारों कार्यकर्ता भी नगरीय निकाय चुनाव में खुद की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा संगठन के लिस्ट जारी करने में हाथ पांव फूल गए हैं। यही कारण है कि केन्द्रीय मंत्री सिंधिया दो दिन के ग्वालियर प्रवास पर हैं। शुक्रवार को मुखर्जी भवन में उन्होंने कार्यकर्ताओं और मंडल प्रमुखों की बैठक कर उनसे परिचय लिया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए कार्यो का गुणगान कर सभी को एक विचारधारा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया होटल तानसेन पहुंचे। यहां भाजपा संगठन के कोर ग्रुप की बैठक होटल के एक बंद कमरे में करीब 40 मिनट चली है। बैठक के शुरुआती वीडियो में बीच में सिंधिया बैठे हुए हैं उनके एक तरफ उनके कट्टर विरोधी व महाराष्ट्र के सहप्रभारी जयभान सिंह पवैया बैठे हुए हैं। पहली बार किसी बैठक में इन दोनों को पास बैठे और दूसरे के साथ बातचीत करते हुए व्यस्त देखा है। दोनों नेताओं की बैठक में यह जुगलबंदी सोशल मीडिया पर चर्चा बनी हुई है।
क्यों खास मानी जा रही है यह बैठक
यह संठगन की बैठक है। इसमें सिंधिया के अलावा दो सिंधिया समर्थक नेता ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, बीज निगम के मुन्नालाल गोयल थे, जबकि इनके अलावा पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैय, संगठन प्रभारी जीतू जिराती, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी नजर आए हैं। मीडिया को बैठक की कवरेज करने से मना कर गेट बंद कर लिए गए हैं। बैठक से निकलकर भी संगठन के नेता कुछ नहीं बोल रहे हैं। इतना पता लगा है कि नगरीय निकाय चुनाव में कुछ सीटों के पेंच फंसने पर यह बैठक बुलाई गई थी।