MPPSC इंटरव्यू में सरनेम हटाने सहित 5 मांगों पर CM की सहमति

इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) के खिलाफ सैकड़ों अभ्यर्थियों का चल रहा धरना-प्रदर्शन रविवार को समाप्त हो गया। इसके बाद अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों की 10 मांगों में से तीन पर आश्वासन दिया।

पांचवें दिन समाप्त हुआ धरना
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार सूची में केवल नाम देने, राज्य सेवा परीक्षा 2025 में पद बढ़ाने और उत्तरपुस्तिका दिखाने व प्रश्न पत्र सुधारने के लिए कमेटी बनाने की मांग रखी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर आयोग के साथ चर्चा कर नए नियम बनाए जाएंगे। पांच दिन से चल रहा धरना रविवार को समाप्त हो गया।

कलेक्टर ने अनशन खत्म करवाया
रविवार तड़के तीन बजे कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर राधे जाट और अरविंद भदौरिया का अनशन खत्म करवाया। इसके बाद अभ्यर्थियों से चर्चा की गई।

अभ्यर्थियों की प्रमुख मांगे
अभ्यर्थियों ने परीक्षाओं की उत्तरपुस्तिका दिखाने, 100% रिजल्ट जारी करने, 87:13 प्रतिशत फार्मूला खत्म करने, रुकी हुई नियुक्तियां जारी करने, और साक्षात्कार सूची से सरनेम हटाने सहित 10 मांगें पेश की।

भोपाल में प्रतिनिधिमंडल की बैठक
भोपाल में अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अपनी मांगें प्रस्तुत कीं। करीब एक घंटे की चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने साक्षात्कार सूची में केवल नाम दिखाने के सुझाव को सकारात्मक बताया और इसे जल्द लागू करने का आश्वासन दिया।

आयोग की अगली बैठक में समाधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तरपुस्तिका दिखाने, प्रश्न पत्र की गड़बड़ियों को रोकने के लिए कमेटी बनाने और पदों की संख्या बढ़ाने पर आयोग अगले महीने चर्चा करेगा। मुख्य परीक्षा के अभ्यर्थियों की उत्तरपुस्तिका और मार्कशीट दिखाने का मुद्दा भी आयोग की अगली बोर्ड बैठक में हल किया जाएगा।

धरना समाप्त होने से अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है कि उनकी मांगें जल्द पूरी होंगी और एमपीपीएससी में पारदर्शिता आएगी।

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