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Wednesday, November 13, 2024

हिजाब मामले में CM नाराज, कलेक्टर को दिए जांच के निर्देश

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दमोह। दमोह में संचालित गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल प्रबंधन पर छात्राओं को हिजाब पहनाने का आरोप लगा है। छात्राओं के परीक्षा परिणाम का एक पोस्टर लगा था, जिसमें हिंदू छात्राएं भी हिजाब पहने दिख रही हैं। इस मामले ने सांप्रदायिक रूप ले लिया है। सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार को हिंदूवादी संगठनों ने ज्ञापन सौंपकर करवाई की मांग की है। अब गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पूरे मामले में नाराजगी व्यक्त करते हुए कलेक्टर को जांच के निर्देश दिए है।

 

 

छात्राओं के परीक्षा परिणाम के पोस्टर में स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने हिजाब की तरह दिखने वाला एक कपड़ा अपने सिर पर लपेटा हुआ है। पूरा विवाद इसी कपड़े को लेकर शुरू हुआ है। इससे पहले स्कूल पर धर्मांतरण के आरोप लग चुके हैं। खबर फैली तो राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने ट्वीट किया था। दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने मामले की जांच भी कराई थी। जांच में धर्मांतरण की बात अफवाह साबित हुई।

 

दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने बताया कि मामले की खबर मिलने के बाद हमने कोतवाली टीआई और कुछ अधिकारियों को मिलाकर एक टीम बनाई थी। उसने इस पूरे मामले की जांच की। अभिभावकों से बात हुई है। स्कूल प्रबंधन से भी बात हुई। धर्मांतरण का मामला कहीं सामने नहीं आया। जांच टीम में शामिल दमोह कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत का कहना है स्कूल प्रबंधन ने सफाई में कहा है कि इस स्कार्फ को हिजाब समझा जा रहा है। यह स्कूल की यूनिफार्म का एक हिस्सा है। स्कूल के सभी बच्चे पहन सकते हैं, लेकिन किसी पर दबाव नहीं है। स्कूल के संचालक मुश्ताक खान ने बताया कि स्कूल में यूनिफॉर्म में स्कार्फ शामिल है। इसे पहनने के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जाता है।

 

कलेक्टर बोले- अब फिर से बना रहे जांच टीम

कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि पहले मैंने जांच करा ली थी। अब गृहमंत्री के आदेश हुए हैं। इस वजह से फिर से एक जांच टीम बना रहे हैं। इसमें तहसीलदार, जिला शिक्षा अधिकारी और पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। उन सभी की बनाई जांच रिपोर्ट को गृहमंत्री को भेजा जाएगा।

 

गंगा जमुना स्कूल को लेकर शुरू हुए इस विवाद के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने बुधवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई जांच को गलत ठहराते हुए जांच अधिकारियों पर भी आरोप लगाए हैं। लोगों ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की भी मांग की है। जिला शिक्षा अधिकारी पर भी कार्यवाई की मांग की है। ज्ञापन देने पहुंचे लोगों में शामिल मोंटी रैकवार ने कहा कि हिंदू धर्म की बेटियों को जान-बूझकर हिजाब पहनने पर मजबूर किया जा रहा है ऐसे लोगों को सजा जरूर मिलनी चाहिए।

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