भोपाल। मध्य प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन की स्थिति चिंताजनक है, जहां वर्तमान में 3.39 लाख से अधिक शिकायतें लंबित हैं। इस बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने तय किया है कि वे खुद जनता की शिकायतें सुनेंगे। यह पहल उन शिकायतकर्ताओं के लिए एक राहत का संकेत है, जो अपनी समस्याओं के समाधान की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
लंबित शिकायतों की स्थिति
मुख्यमंत्री के कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार विभिन्न विभागों और जिलों में शिकायतों का समाधान नहीं होने के कारण 339,727 शिकायतें पिछले 100 दिनों से लंबित हैं। खासकर महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में शिकायतों की संख्या अधिक है। पीएम मातृ वंदना योजना के तहत 64,600 शिकायतें और स्वास्थ्य विभाग की जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत 60,406 शिकायतें लंबित हैं।
सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से आप क्या कर सकते हैं?
- शिकायत दर्ज करना: यदि आप किसी सरकारी विभाग या कर्मचारी से असंतुष्ट हैं, तो आप सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
- सुझाव देना: आप सरकार को अपनी सरकार के कामकाज में सुधार लाने के लिए सुझाव दे सकते हैं।
- जानकारी प्राप्त करना: आप किसी सरकारी योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं या यह जान सकते हैं कि आप उस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं।
- स्थिति की जांच करना: आप अपनी पहले से दर्ज की गई शिकायत की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
सीएम हेल्पलाइन का उपयोग कैसे करें?
- टोल फ्री नंबर: आप सीएम हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं और अपनी शिकायत या सुझाव दर्ज कर सकते हैं।
- ऑनलाइन पोर्टल: आप सीएम हेल्पलाइन के ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत या सुझाव दर्ज कर सकते हैं।
- मोबाइल ऐप: कई राज्यों में सीएम हेल्पलाइन का मोबाइल ऐप भी उपलब्ध है, जिसके माध्यम से आप अपनी शिकायत या सुझाव दर्ज कर सकते हैं।
सीएम हेल्पलाइन के लाभ
- सीधा संपर्क: सीएम हेल्पलाइन आपको सरकार के साथ सीधा संपर्क करने का एक मंच प्रदान करती है।
- तेजी से कार्रवाई: सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज की गई शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई की जाती है।
- पारदर्शिता: सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से आप अपनी शिकायत की स्थिति की जांच कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है।
- जवाबदेही: सीएम हेल्पलाइन सरकार को जवाबदेह बनाती है।
समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम
मुख्यमंत्री यादव 28 अक्टूबर को एक समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, जिसमें वे सीधे शिकायतकर्ताओं से बात करेंगे। इस कार्यक्रम के तहत उन्हें शिकायतों का त्वरित समाधान करने का निर्देश दिया जाएगा। यह कदम यह दर्शाता है कि सरकार नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।
विभिन्न विभागों की लंबित शिकायतें-
- महिला एवं बाल विकास विभाग: 64,600 शिकायतें (PM मातृ वंदना योजना)
- स्वास्थ्य विभाग: 60,406 शिकायतें (जननी सुरक्षा योजना)
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग: 15,870 शिकायतें (PM ग्रामीण आवास योजना)
- गृह विभाग: 13,345 शिकायतें (विवेचना में विलंब)
- श्रम विभाग: 12,626 शिकायतें (संबल योजना)
- राजस्व विभाग: 12,043 शिकायतें (नामांतरण एवं बंटवारा)
- ऊर्जा विभाग: 10,976 शिकायतें (बिजली संबंधी समस्याएं)
- अनुसूचित जाति कल्याण विभाग: 8,471 शिकायतें (छात्रवृत्ति एवं अन्य सुविधाएं)
- पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग: 7,175 शिकायतें (छात्रवृत्ति)
- खाद्य विभाग: 5,312 शिकायतें (नवीन राशन कार्ड)
- स्कूल शिक्षा विभाग: 4,435 शिकायतें (छात्रवृत्ति योजना)
- जनजातीय कार्य विभाग: 543 शिकायतें (आवास सहायता योजना)
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सख्त नियमों की पहल
सीएम हेल्पलाइन में सुधार लाने के लिए कुछ नए नियम भी लागू करने की योजना है। एक ही दिन में 10 से अधिक शिकायतें दर्ज कराने वाले व्यक्तियों को ब्लॉक करने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा, एक व्यक्ति द्वारा एक दिन में पांच शिकायतें करने की सीमा तय करने पर भी चर्चा की जा रही है। इस कदम का उद्देश्य हेल्पलाइन का दुरुपयोग रोकना और शिकायतों की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना है।