भोपाल। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के बहाने आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की एंट्री होने वाली है। वे प्रदेश में चुनावी संभाएं लेंगे। 2 जुलाई को सिंगरौली में पहली सभा होगी। पंजाब के CM भगवंत मान, मंत्री मनीष सिसौदिया के दौरे भी प्रदेश में होंगे। प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया कि ‘आप’ के वरिष्ठ नेताओं के दौरे प्रदेश में कराए जा रहे हैं। पहले चरण में 4 जुलाई और दूसरे चरण में 11 जुलाई तक दौरे होंगे।
पंजाब फतह के बाद आम आदमी पार्टी की नजर 2023 में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। चूंकि, मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। इसे विधानसभा का सेमीफाइनल मानते हुए ‘आप’ नेताओं का पूरा फोकस यहां है। पार्टी नेताओं का कहना है कि नगरीय निकाय के जरिए पार्टी प्रदेश में जड़ें जमा रही है, ताकि इसका फायदा डेढ़ साल बाद होने वाले चुनाव में मिल सके। यही कारण है कि पार्टी पहली बार नगरीय निकाय चुनाव भी लड़ रही है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में भी धमाकेदार जीत हासिल की है। इसके बाद पार्टी ने मध्यप्रदेश में भी सक्रियता बढ़ा दी। पंजाब चुनाव के बाद प्रदेश में 50 हजार से ज्यादा नए सदस्य जोड़े गए।
आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में पहली बार नगरीय निकाय चुनाव लड़ रही है। नेताओं का कहना है कि दिल्ली में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद से ही पार्टी की प्रदेश में सक्रियता बढ़ गई थी। सभी जिलों में पार्टी का गठन किया गया। लोगों को भी पार्टी से जोड़ा। पंजाब फतह के बाद नेता पूरी ताकत से मैदान में उतर गए। वे उन मुद्दों को उठा रहे हैं, जो जनता से सीधे तौर पर जुड़े हों। दिल्ली और पंजाब में चल रही योजनाओं को भी बताया जा रहा है। 11 जुलाई तक बड़े नेताओं की सभाएं कराई जाएंगी। बता दें कि नगरीय निकाय चुनाव दो चरण में हो रहे हैं। 6 जुलाई और 13 जुलाई को वोटिंग होगी। इसके 48 घंटे पहले तक सभाएं होंगी।
निकाय चुनाव में उन स्थानीय नेताओं पर भी फोकस किया गया, जो बीजेपी-कांग्रेस से असंतुष्ट हैं। उन्हें पार्टी से जोड़कर मेयर या पार्षद का उम्मीदवार बनाया गया है। भोपाल में 60 वार्डों से कैंडिडेट्स उतारे गए हैं। पार्टी ने मेयर कैंडिडेट भी उतारा था, लेकिन ऐनवक्त पर कैंडिडेट ने फार्म खींच लिया था। अब कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी जॉइन करने वाली नेत्री को सपोर्ट किया जा रहा है। ऐसा ही इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत सभी बड़े शहरों में किया गया है।