भोपाल। मध्य प्रदेश में शराबबंदी का मुद्दा अक्सर उठता रहा है और कई बार इस पर बहस भी हो चुकी है। अब, सीएम मोहन यादव ने एक अहम बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश के धार्मिक नगरों में जल्द शराबबंदी की योजना बनाई जा सकती है। उनके अनुसार, इन स्थानों की विशेष मर्यादा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक, आगामी बजट सत्र में सरकार धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी करने का प्रस्ताव ला सकती है।
सीएम मोहन का बयान
दरअसल, मोहन सरकार 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर चुकी है। वह उज्जैन सहित प्रदेश के कई धार्मिक शहरों में शराबबंदी की योजना पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारी सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है, क्योंकि कई साधु-संतों ने भी यह सुझाव दिया है। हम अपनी नीति में बदलाव करते हुए धार्मिक नगरों में शराबबंदी की दिशा में कदम उठाने जा रहे हैं।
धार्मिक वातावरण बनाए रखने की आवश्यकता
सीएम मोहन ने आगे कहा, “हमने इन धार्मिक नगरों से बाहर शराब की दुकानें स्थानांतरित करने की योजना बनाई है, ताकि इन स्थानों का धार्मिक माहौल सही तरीके से बना रहे। हम इस दिशा में तेज़ी से काम कर रहे हैं और 2028 की तैयारियों में जुटे हैं।” माना जा रहा है कि फरवरी या मार्च में होने वाले बजट सत्र में इस प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है, जिसके बाद कई धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू हो सकती है।
उज्जैन में 2028 में होगा सिंहस्थ
2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के मद्देनजर सरकार ने इस कदम की तैयारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इससे पहले ही उज्जैन, ओरछा, मैहर, चित्रकूट जैसे स्थानों पर शराबबंदी लागू की जा सकती है, और यहां की शराब दुकानों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जा सकता है। सीएम मोहन यादव का यह बयान मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में प्रमुख रूप से सामने आ सकता है।