भोपाल। हरियाणा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कदमताल करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की हालिया उपस्थिति ने उनके बढ़ते कद को स्पष्ट कर दिया है। बीजेपी ने उन्हें हरियाणा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के साथ स्थापित कर यह संदेश दिया है कि वे पार्टी के लिए एक संभावित राष्ट्रीय नेता बन सकते हैं।
मोहन यादव का नया रोल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हाल के दिनों में विभिन्न चुनावी राज्यों में प्रचार करने के लिए भेजा गया है, जिससे उनकी इमेज बिल्डिंग में मदद मिली है। हरियाणा में विधायक दल की मीटिंग में अमित शाह के साथ उनकी मौजूदगी ने उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को उजागर किया है। पार्टी उन्हें यादवों के नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही है, ताकि वे यूपी और बिहार में यादवों को अपनी ओर आकर्षित कर सकें।
यादव समुदाय पर बीजेपी का फोकस
भारतीय जनता पार्टी की योजना यह है कि मोहन यादव के माध्यम से वे यादव समुदाय में अपनी पकड़ मजबूत करें। बिहार में यादवों की आबादी लगभग 17 प्रतिशत है और 2025 में विधानसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी इस समुदाय से वोट हासिल करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। मोहन यादव ने पहले ही बिहार में यात्रा की थी, जो इस दिशा में एक बड़ा कदम है।
ओडिशा में सफल प्रयोग का अनुसरण
बीजेपी का यह दांव ओडिशा में सफल रहा है, जहां आदिवासी महिला को सत्ता में लाने से पार्टी को फायदा मिला। इसी प्रकार मोहन यादव को पार्टी के भीतर एक बड़े नेता के रूप में उभारने की कोशिश की जा रही है। यह रणनीति ना केवल उत्तर भारत में बल्कि मध्य प्रदेश में भी उनके शानदार प्रदर्शन के चलते सफल होती नजर आ रही है।
एमपी में मोहन यादव का प्रदर्शन
मोहन यादव का लोकसभा चुनाव में 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट उनके प्रभाव को और भी बढ़ाता है। मध्य प्रदेश में पहली बार बीजेपी ने 29 लोकसभा सीटें जीतीं, जो उनके नेतृत्व में संभव हो पाया। इसके अलावा, उन्होंने कमलनाथ के अभेद किले छिंदवाड़ा में भी जीत हासिल की, जो उनकी रणनीतिक सोच और नेतृत्व कौशल को दर्शाता है।
केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे के साथ, मोहन यादव की राजनीतिक यात्रा में और भी बड़े अवसर आ सकते हैं। उनकी छवि निर्माण और नेतृत्व कौशल को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि बीजेपी उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका देने के लिए तैयार है। आने वाले दिनों में उन्हें और भी बड़ी जिम्मेदारियाँ सौपी जा सकती हैं, जो उनकी राजनीति में एक नई दिशा देने का कार्य करेंगी। खासकर आगामी चुनावों में सीएम मोहन यादव का बढ़ता कद और उनकी राजनीतिक रणनीतियाँ बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं।