भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के अधिकारियों से कहा है कि अपराधियों की कमर तोड़ना जारी रखना। प्रदेश में 23 हजार एकड़ जमीन दबंगों से मुक्त कराई गई है। गुंडा, बदमाश, माफिया जिन्हें कहीं न कहीं से संरक्षण भी मिलता था, उनके खिलाफ कार्रवाई की है। अब बुलडोजर सिर्फ डराने का काम नहीं कर रहा है। जहां भी ऐसी जमीन दिखे इनसे छुड़ाओ और गरीबों को बांटो। मुख्यमंत्री शनिवार सुबह कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में भारतीय पुलिस सेवा समागम (आइपीएस मीट) के शुभारंभ में बोल रहे थे। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर सक्सेना से कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर 2047 तक की कार्ययोजना बनाएं।
सीएम ने डीजीपी से कहा कि विकास यात्राओं के बाद एक सम्मेलन करें, जिसमें सभी जिलों के अधिकारी रहें। इसमें अच्छी सलाह के लिए समूह चर्चा (ब्रेन स्टार्मिंग) भी करें। इसके बाद एक-एक दिन अलग-अलग जिलों से हम चर्चा करेंगे। इसमें टीआइ स्तर तक के अधिकारी रहेंगे। उनसे जिलों की समस्याओं पर बात करेंगे। हर क्षेत्र की अलग-अलग समस्याएं होती हैं, जो सामने आएंगी।
नशामुक्ति अभियान जैसे कार्यों में पुलिस की समाज सुधार और कम्युनिटी पुलिसिंग का चेहरा भी दिखे। डीजीपी ने कहा कि सरकार ने पुलिस को जो भी जिम्मेदारी दी है, उसे पूरा किया गया है। यहां आइपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन माहेश्वरी भी मौजूद थे। पांच-जी तकनीक में साइबर अपराध को लेकर तकनीकी सत्र भी आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री सिंघम हैं। उनके आने के बाद से प्रदेश में अब कोई डकैत नहीं बचा है। देश में सबसे अच्छी पुलिस हमारे यहां की है। भीड़ में कोई पुलिसकर्मी दिखता है तो लोग खुद को सुरक्षित मान लेते हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी पुलिस ने लोगों की सुरक्षा की है। मुख्यमंत्री ने आइपीएस अधिकारियों से कहा कि व्यस्तता के बीच घर-परिवार के लिए भी समय निकालें। कई बार ऐसी स्थिति आती है कि पारिवारिक संबंधों में सहजता नहीं रह जाती है। ऐसी स्थिति नहीं बने। उन्होंने डीजीपी से कहा कि मुखिया को सभी के सुख-दुख की चिंता करनी चाहिए। आप उनसे कर्तव्य की अपेक्षा करते हो, उनकी चिंता भी करो। ऐसा न हो कि किसी को जरूरत पर छुट्टी नहीं मिले। एक आदर्श नेतृत्व कैसा होता है, यह दिखाना होगा।