Home प्रदेश सीएम शिवराज किसानों को लेकर किया ये बड़ा ऐलान

सीएम शिवराज किसानों को लेकर किया ये बड़ा ऐलान

भोपाल। बीते एक हफ्ते के दौरान प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्‍टि ने किसानों की खेत में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। विदिशा जिले में भी फसलों पर ओलावृष्‍टि की मार पड़ी है। मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए विदिशा पहुंचे। सीएम ने ग्राम पटवारी खेड़ी में पहुंचे और किसानों से बात की। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि असमय बारिश, ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की ऋण वसूली स्थगित होगी। प्रभावित किसानों को जीरो परसेंट ब्याज पर लोन दिया जाएगा। गेहूं के पंजीयन के लिए पोर्टल पुनः खोला जाएगा ताकि छूटे हुए किसानों का आवश्यक सुधार किया जा सके। सीएम शिवराज ने कहा कि किसान भाई चिंता ना करें, आपका मुख्यमंत्री संकट की इस घड़ी में आपके साथ है। फसल में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान पर अब 32 हजार प्रति हेक्टेयर, इसके अतिरिक्त फसल बीमा का पैसा देंगे, पशु हानि का पैसा देंगे।

 

सीएम ने किसानों को ढाढस बंधाते हुए आश्‍वासन दिया कि बेमौसम बारिश, ओलाबृष्‍टि से बर्बाद फसल का पूरा सर्वे कराकर किसानों को पर्याप्त राहत राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने पटवारी खेड़ी के अलावा घुरदा और मढ़ी चौबीसा गांव का दौरा किया।

 

गौरतलब है कि सोमवार को ही विदिशा जिले के गंजबासौदा, सिरोंज, शमशाबाद और कुरवाई के 18 गांवों में करीब 20 से 30 मिनट तक जोरदार ओलावृष्टि हुई। जिसके कारण गांवों की सड़कों और खेतों में ओलों की परत जम गई। इनमें गंजबासौदा के 8, कुरवाई के 3, शमशाबाद के दो और सिरोंज के 5 गांव शामिल है। बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी गेहूं और चना की फसल को भारी नुकसान हुआ। कई खेतों में फसल कटी पड़ी है, जिसके सड़ने का खतरा बढ़ गया है।

 

इससे पहले रविवार को विदिशा और ग्यारसपुर तहसील के 21 गांवों में ओलावृष्टि हुई थी। इसके अगले ही दिन सोमवार की दोपहर को गंजबासौदा,सिरोंज और कुरवाई तहसील के गांवों में कुदरत का कहर बरपा। कुछ गांवों में 20 मिनट तक तो कुछ गांवों में 30 मिनट तक ओले गिरे। इस ओलावृष्टि के कारण खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की फसल की बालियां टूटकर गेहूं के दाने खेत में बिखर गए। यही स्थिति चना की फसल के साथ भी बनी। सबसे अधिक नुकसान पवई, पिथोली और कुलहन में बताया जा रहा है। किसानों का कहना था कि वे मौसम सुधरने के बाद फसल कटाई की तैयारी में थे लेकिन वर्षा और ओलों ने फसलों को बर्बाद कर दिया।

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