ग्वालियर।साल 2018 में जिस वजह से सीएम शिवराज सिंह सत्ता से दूर हुए थे, रविवार को अल्प प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे मुख्यमंत्री ने उसी गलती को सुधारने का प्रयास किया। सीएम ने SC वर्ग और सामान्य वर्ग के पदाधिकारियों से अलग-अलग बैठक कर चर्चा की। 2 अप्रैल 2018 में ग्वालियर में हुई जातिगत हिंसा के जख्म पर मरहम लगाकर दोनों वर्ग के वोटर्स को आकर्षित करने का प्रयास किया है। इस दौरान हिंसा के समय दर्ज किए गए मामलों को वापस लिए जाने की मांग भी की गई। इस पर भी मुख्यमंत्री ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। सीएम चौहान ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग में अब नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दोनों वर्ग साथ मिलकर चलेंगे। 2 अप्रैल 2018 के दंगे के बाद सीएम का ‘माई के लाल’ वाला डायलॉग से अंचल में आक्रोश फैला था। इसके बाद सीएम को प्रदेश में सरकार गंवानी पड़ी थी। कांग्रेस ने अंचल में भाजपा को हराया था। अब 2023 से पहले सीएम इस खाई को भरना चाहते हैं।
रविवार दोपहर अल्प प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आए हैं। सीएम ने ग्वालियर पहुंचकर सबसे पहले होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में SC (अनुसूचित जाति) वर्ग के प्रतिनिधियों से चर्चा की। यहां 2 अप्रैल 2018 में हुए जातिगत उपद्रव के मुद्दे पर चर्चा की गई। SC-ST वर्ग के लोगों से भाजपा की जो दूरियां बढ़ गई थी। उनको दूर किया गया।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग व सामान्य वर्ग के लोगों से बात हुई है। सामाजिक समरसता बनेगी। दोनों वर्ग ने इच्छा जताई है कि समाज में दूरियां नहीं होनी चाहिए। दो अप्रैल की घटना में कई प्रकरण बने थे। दोनों पक्षों पर उनको वापस लिया जाए। हमारा समाज टूटेगा नहीं। हम मिलकर साथ चलेंगे।
सीएम का कहना है कि हम लोग प्रधानमंत्री धन्यवाद देते हैं। डीजल, पेट्रोल के दाम कम कर लोगों को राहत दी है। इससे कई उत्पादों पर जो महंगाई बढ़ी थी, वह कम हो गई। ग्वालियर में बैठकों में भाग लेने के बाद सीएम शिवराज सिंह व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल के लिए रवाना हो गए।