भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेताओं पर बड़ा हमला बोला है। उनका कहना है कि कांग्रेस में ऊटपटांग बयान देने का अभियान चल रहा है। ऐसा कहकर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, विधायक सज्जनसिंह वर्मा और जीतू पटवारी, सब पर हमला बोल दिया। दरअसल, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव छह-सात महीने दूर हैं। ऐसे में दोनों तरफ से आक्रामक बयानबाजी शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने हाल ही में कहा कि रानी कमलापति को कोई नहीं जानता था, वह तो भाजपा चर्चा में ले आई। इससे पहले जीतू पटवारी ने विधानसभा में सरकार को घेरा तो भाजपा विधायकों की अपील पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने उन्हें बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया था। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सज्जन सिंह वर्मा के भी इसी तरह के बयान आए हैं।
भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में पौधरोपण करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष आदिवासी नायकों का अपमान करते हैं। उन्हें सिर्फ एक ही खानदान (गांधी परिवार) दिखता है। इसके बाद बेशर्मी से कमलनाथ भी उनका बचाव कर रहे हैं। अब नेता प्रतिपक्ष कह रहे है कि मैं बड़ा नेता बन गया। टक्कर में आ गया। क्या बड़ा नेता बनने के लिए ऊटपटांग बयान देना चाहिए। क्या टक्कर में आने के लिए यह किया जाएगा?
शिवराज ने कहा कि अब कांग्रेस में बड़ा नेता बनने की होड़ लगी है। बड़ा कैसे बने? इसके लिए कोई विधानसभा में झूठ बोलता है और निलंबित हो जाता है। कोई विधानसभा में नियमावली फाड़ता है और बड़ा बनने की कोशिश करता है। कोई दिव्यांग को मारता है और बड़ा बनने की कोशिश करता है। कोई ऐसे बयान देता है कि मध्यप्रदेश और देश में मुस्लिम की संख्या कम हो रही है। यह भी बड़ा नेता बनने के लिए कर रहे हैं। कमलनाथ जी को लगता है कि कहीं वह छोटे ना रह जाए। इसलिए छोटे मियां तो छोटे मियां बड़े मियां सुभान अल्लाह वह (देवास जिले के) खातेगांव में जाकर बयान देते है कि खातेगांव के मतदाता नशे में है। वह लगातार भाजपा को जीता रहे हैं। इस वजह से नशे में है। क्या यह जनता का अपमान नहीं है। क्या यह मतदाताओं का अपमान नहीं है? जनता को नशे में कहने वाले क्या खुद नशे में नहीं है कि वह क्या कह रहे है। यह जनता के प्रति इनकी सोच है। कांग्रेस की अंतर्कलह और गुटबाजी एक-दूसरे को छोटा बनाने के लिए ऊटपटांग बयान देने का अभियान चला रहे हैं। प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है।