भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी कलेक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि कलेक्टरों की रैंकिंग पॉजिटिविटी रेट के आधार पर होगी। जिले में पॉजिटिविटी रेट सबसे ज्यादा होगा वह कलेक्टर असफल माना जाएगा। इसके अलावा यदि जिले में जनता कर्फ्यू सफल नहीं हुआ तो यह माना जाएगा कि कलेक्टर, जनता को जागरूक करने में असफल रहा है।
मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में आईपीसी की धारा 144 के तहत 26 अप्रैल 2021 तक कोरोना कर्फ्यू के नाम पर लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए मना किया गया है एवं बाजार बंद करवा दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके बाद 4 दिन का जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है।
जनता कर्फ्यू से तात्पर्य है, धारा 144 के तहत प्रतिबंध हट जाने के बावजूद लोग स्वप्रेरणा से बाजार बंद रखें एवं घरों से बाहर ना निकलें। पुलिस अथवा कानून लोगों को बाध्य नहीं करता और ना ही किसी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई होती है परंतु सामाजिक संस्थाएं अथवा मोहल्ला समितियां लोगों से विनम्रता पूर्वक आग्रह जरूर कर सकती हैं।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मात्र 1 दिन की जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था। अब देखना यह है कि क्या मध्य प्रदेश की जनता अपने मुख्यमंत्री की बात मानती है और क्या कलेक्टर धारा 144 के तहत लगाए गए कर्फ्यू को हटाने के बाद जनता कर्फ्यू को सफल बना पाते।