भोपाल। भ्रष्ट आचरण किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतें हैं, उन पर तेजी से कार्रवाई करें। जिन मामलों में जांच पूरी हो चुकी है, उनमें दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अभियोजन के मामलों की विभागवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टालरेंस की नीति है और इसके पालन में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जिन के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति लंबित हैं, उनका तत्परता के साथ निराकरण किया जाए। 15 जून के बाद विभागों द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी के लिए फिर बैठक करेंगे। यदि विभाग किसी प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने में विलंब करता है तो सबंधित अधिकारी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि 15 मार्च 2023 से अब तक 75 प्रकरणों में 119 दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी गई है।
इसमें सर्वाधिक स्वीकृति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 23, राजस्व ने 12, नगरीय विकास एवं आवास ने नौ, स्वास्थ्य ने आठ, गृह और कृषि विभाग ने छह-छह और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने चार प्रकरणों में दी गई है। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने आगामी सप्ताह में विभिन्न जिलों में होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। 11 मई को मंदसौर में महिला सम्मेलन और सूक्ष्म वृहद परियोजना का भूमिपूजन होगा। 12 मई को भोपाल के लाल परेड मैदान पर गोरक्षा संकल्प सम्मेलन और प्रदेश के सभी विकासखंडों में चार सौ पशु एवं मवेशी एंबुलेंस का लोकार्पण किया जाएगा।