भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 23 मार्च को मिंटो हॉल से करीब 60 हजार ग्रामीण पथ विक्रेता हितग्राहियों को सामूहिक ऋण वितरण करेंगे। यह 5वां अवसर है, जब मुख्यमंत्री चौहान ग्रामीण पथ विक्रेताओं को प्रदेश शासन की क्रेडिट गारंटी पर बैंकों से ऋण उपलब्धत करवा रहे है। योजना में अब तक एक लाख से अधिक ग्रामीण प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य जरूरतमंद पथ विक्रेताओं को राज्य शासन की गारंटी पर 10-10 हजार रूपये का ऋण उपलब्ध करवा कर लाभान्वित किया जा चुका है। ग्रामीण पथ विक्रेताओं को रोजगार की बेहतरी के लिये उपलब्ध कराये गये ऋण का ब्याज अनुदान राज्य शासन द्वारा दिया जाता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण लगाये गये लॉक डाउन की बजह से स्ट्रीट वेण्डर का काम करने वाले छोटे कारोबारियों की आजीविका पर अत्यंत विपरीत प्रभाव पड़ा। इनके व्यवसाय फिर से प्रारंभ करने के लिए पथ विक्रेताओं को आसान कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की दृष्टि से मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेण्डर योजना बनाई। इस योजना में विभिन्न प्रकार के व्यवसायी जैसे- आइस्क्रीम, फल, समोसा/कचौड़ी, ब्रेड-बिस्किट, मुर्गी-अण्डे, कपड़ा, छोटे बर्तन, जूते-चप्पल, झाडू, केश शिल्पी, हाथ ठेला चालक, सायकल/मोटर सायकल रिपेयरिंग, बढ़ई, कुम्हार ग्रामीण शिल्पी, बुनकर, धोबी, टेलरिंग और कर्मकार मण्डल के अंतर्गत आने वाले व्यवसाय आदि से संबंधित व्यवसायी, सेवा प्रदाता सहित अन्य इस प्रकार के कार्य करने वाले पथ विक्रेता व्यवसायी को सम्मिलित किया गया है।
मनोज वास्तव, अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में ग्रामीण क्षेत्र के पथ विक्रेता व्यवसाइयों को 10 हजार रूपये तक बैंक से कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में उपलब्ध कराने में सहयोग करना, नियमित ऋण वापसी को प्रोत्साहित करना तथा छोटे उद्यमियों को व्यापार व्यवसाय में प्रशिक्षण में सहयोग देना है। योजना में राज्य शासन द्वारा प्रत्येक हितग्राही को 10 हजार रूपये तक के ऋण पर 14 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान की प्रतिपूर्ति की जाएगी। साथ ही योजना में राज्य शासन की क्रेडिट गारंटी रहेगी। इस योजना के पात्र हितग्राहियों को स्टाम्प ड्यूटी के प्रयोजनों से भी विमुक्त रखा गया है। योजना में 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण प्रवासी श्रमिक, गरीब वर्ग के परिवार, ग्रामीण क्षेत्र के व्यवसायी, जिनके परिवार की महिलायें आजीविका मिशन या तेजस्विनी परियोजना में गठित स्व–सहायता समूह की सदस्य हों, लाभांवित हो सकते हैं। योजना में शैक्षणिक योग्यता एवं जाति का कोई बंधन नहीं है।